कृषि पिटारा

डिजिटल मंडी से किसानों को फायदा, लेकिन खेती की लागत में बढ़ोतरी से किसान परेशान

नई दिल्ली: भारत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ई-नाम यानी डिजिटल मंडी को भारत के कृषि कारोबार के लिए एक अनूठी पहल बताया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को अपने उत्पादों का वास्तविक मूल्य मिलेगा और वे अपनी फसलों को देश के किसी भी कोने से ऑनलाइन बेच सकेंगे। इसके अलावा, वे थोक विक्रेताओं से सीधे संपर्क में आ सकेंगे और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के कारण पैसे भी समय पर मिल जाएंगे।

ई-नाम पोर्टल पर कोई भी किसान रजिस्टर करवा सकता है और किसी भी ई-नाम मंडियों में व्यापारियों को ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड कर सकता है। व्यापारी भी किसी भी स्थान से ई-नाम के तहत बिक्री के लिए उपलब्ध लाट के लिए बोली लगा सकते हैं। इस पोर्टल का मकसद पूरा देश को एक मंडी क्षेत्र बनाना है। साल 2016 को इस योजना की शुरुआत 21 मंडियों के साथ की गई थी। साल 2020 तक इस बाजार से 18 राज्यों के 1,66,06,718 किसान, 977 एफपीओ, 70,910 कमीशन एजेंट और 1,28,015 व्यापारी जुड़े चुके थे। भारत फिलहाल 585 कृषि उपज मंडियां ई-नाम पोर्टल से जुड़ी हुई हैं।

लेकिन इसके साथ ही किसानों को खेती की लागत में बढ़ोतरी से भी जूझना पड़ रहा है। खेती के दौरान इस्तेमाल होने वाले डीजल, खाद, उर्वरक और कीटनाशकों की कीमतों में पिछले एक साल में ही 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जनवरी 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक डीजल की कीमतों में औसतन 15-20 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुछ ऐसा ही हाल खाद और कीटनाशकों का भी है। साल 2022 में 50 किलो की एनपीके उर्वरक की एक बोरी अब 275 में आती है, जबकि यही साल 2021 में 265 की थी। बीते साल 2021-22 के खरीद विपणन सीजन में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 72 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और साल 2022-23 के लिए गेहूं के एमएसपी केवल 40 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी हुई है।

इसके अलावा, कीटनाशकों की कीमत में भी 10 से 20 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। खेती के दौरान लगने वाले सामानों की बढ़ती लागत के साथ किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमतों में फसलों की बिक्री से चिंतित है। हालत इतनी खराब है कि किसान एक क्विंटल धान बेचकर भी 50 किलो डीएपी खाद तक नहीं खरीद पाते। डीएपी के सरकार  डीएपी के सरकारी दाम 1206 रुपये हैं, लेकिन वो 1400-1600 में मिलती है। 

Related posts

Leave a Comment