कृषि पिटारा

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिये खेती को आसान और लाभकारी बना सकते हैं किसान

नई दिल्ली: खेती के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी प्रगति के अब कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इसके अंतर्गत एक ऐसी तकनीक, जिसमें अधिक बचत और मेहनत की कम खपत होती है। इसे  हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के नाम से जाना जाता है। यह तकनीक किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत प्रदान कर सकती है और साथ ही उनके संसाधनों की बचत करने में मदद कर सकती है।

हाइड्रोपोनिक्स खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें पारंपरिक खेती की तरह मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। यह तकनीक पानी के साथ-साथ खनिज पदार्थों की भी बचत कर सकती है और फसल की उपज में 25–30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। हाइड्रोपोनिक्स खेती में प्लास्टिक की पाइपों में छोटे-छोटे छेद बनाए जाते हैं, जिनमें पौधे लगाए जाते हैं। बीज बोकर इन पौधों को ट्रे में बड़े किया जाता है और उन्हें प्राकृतिक खनिज पदार्थों के साथ पूर्वांगी पानी से सींचा जाता है।

वैसे तो हाइड्रोपोनिक्स खेती के कई फायदे हैं। लेकिन अगर इसके कुछ प्रमुख फायदों की बात करें तो इसमें पारंपरिक खेती के मुक़ाबले काफी कम स्थान की आवश्यकता होती है। इस तकनीक के जरिये उगने वाली उपज पोषण से भरपूर होती है, जिससे उनकी मांग बनी रहती है। साथ ही यह तकनीक पानी के साथ-साथ खनिज पदार्थों की भी बचत कर सकती है। हाइड्रोपोनिक्स खेती से अच्छी उपज प्राप्त होती है, जो बाजार में अच्छे मूल्य पर बेची जा सकती है। इससे किसानों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर प्राप्त होता है।

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक सब्जियों की खेती में सफल हो चुकी है। भारत में कई किसान इस तकनीक का उपयोग करके छोटी पट्टियों वाली सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जैसे कि शिमला मिर्च, धनिया, टमाटर, पालक, खीरा, मटर, मिर्च, करेला, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूज, अनानास, गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली और अनानास इत्यादि।

हाइड्रोपोनिक्स खेती में समय, मेहनत और विशेषज्ञता की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह किसानों के लिए नए और लाभकारी अवसरों का दरवाजा खोल सकती है। हाइड्रोपोनिक्स खेती का प्रयोग करके, किसान नए और प्रगतिशील तरीके से खेती कर सकते हैं व अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके साथ ही संसाधनों की बचत भी कर सकते हैं। हाइड्रोपोनिक्स खेती भारतीय किसानों के लिए एक नया द्वार खोल सकती है, जिससे खेती का स्तर और उत्पादन दोनों बढ़ सकता है। कृषि क्षेत्र में यह नवाचार किसानों और युवा उद्यमियों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत प्रदान कर सकता है। हाइड्रोपोनिक्स खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठन भी विभिन्न अनुषंगिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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