पॉलीहाउस खेती एक आधुनिक कृषि तकनीक है जो पारंपरिक खेती की कई सीमाओं को पार करते हुए किसानों को अधिक लाभ और बेहतर उत्पादन का अवसर देती है। यह तकनीक एक विशेष प्रकार की संरचना के अंदर की जाती है जिसे पॉलीहाउस कहा जाता है। पॉलीहाउस को पारदर्शी पॉलीथीन शीट से ढंका जाता है, जिससे सूरज की रोशनी अंदर प्रवेश कर सके लेकिन बाहरी मौसम की मार से फसलें सुरक्षित रहें। इसके अंदर तापमान, नमी, प्रकाश और हवा का नियंत्रण संभव होता है, जिससे किसी भी मौसम में मनचाही फसल उगाई जा सकती है।
पॉलीहाउस में खेती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें सालभर फसल उगाई जा सकती है। किसान बारिश, सर्दी या गर्मी से परेशान हुए बिना लगातार उत्पादन कर सकते हैं। साथ ही इसमें कीट और बीमारियों का प्रकोप बहुत कम होता है, जिससे रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग भी कम होता है। इससे उपज न केवल अधिक होती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
पॉलीहाउस के अंदर टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, गुलाब जैसे फूल, और जड़ी-बूटियों जैसी कई फसलें उगाई जा सकती हैं। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों में फायदेमंद होती है जहाँ खेती करना मुश्किल होता है या जलवायु अनुकूल नहीं होती। पॉलीहाउस दो प्रकार के होते हैं – एक वह जो प्राकृतिक रूप से वेंटिलेशन पर आधारित होता है और दूसरा पूरी तरह से नियंत्रित प्रणाली वाला पॉलीहाउस। पहले प्रकार की लागत अपेक्षाकृत कम होती है, जबकि दूसरे में तापमान और सिंचाई को स्वचालित प्रणाली से नियंत्रित किया जाता है और इसकी लागत अधिक होती है, लेकिन उत्पादन भी अधिक और सटीक होता है।
हालांकि पॉलीहाउस की शुरुआत में लागत अधिक होती है, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी इसे आसान बना देती है। केंद्र और राज्य सरकारें 50% से लेकर 80% तक की सब्सिडी देती हैं, जिससे छोटे और मध्यम किसान भी इस प्रणाली को अपना सकते हैं। इसके लिए किसान कृषि विभाग की वेबसाइट या अपने जिले के कृषि कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
पॉलीहाउस खेती से किसानों को न केवल आर्थिक लाभ मिलता है, बल्कि इससे गांवों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं। युवा किसान तकनीक का प्रयोग कर खेती को एक व्यवसाय का रूप दे सकते हैं। यह तकनीक जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितताओं से लड़ने का भी एक प्रभावी तरीका बन गई है। इस तरह कहा जा सकता है कि पॉलीहाउस खेती एक नई कृषि क्रांति की दिशा में बड़ा कदम है। यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाती है और खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदलने का जरिया बन रही है। भविष्य की टिकाऊ और स्मार्ट खेती के लिए पॉलीहाउस एक आदर्श मॉडल साबित हो रहा है।