DESK : क्या आपको पता है कि यह वाकई में है क्या? या फिर कैसे काम करता है? दरअसल, FasTag एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। इसके अंदर आपके वाहन से जुड़ी सारी जानकारी मौजूद रहती है। जैसे ही आप टोल प्लाजा पर जाएंगे, आपके वाहन से जुड़ी सारी जानकारी दर्ज हो जाएगी और टोल के पैसे अपने आप कट जाएंगे। आपको बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 15 दिसंबर 2019 से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। बिना टैग वाले वाहनों के फास्टैग लेन से गुज़रने पर उनसे दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा।
वैसे 2014 के बाद के वाहनों में यह कंपनी से ही लग कर आता है। हाँ, 2014 से पहले के जितने भी वाहन हैं, उन्हें अब FasTag लगवाना पड़ेगा। फास्टैग कार के सामने वाले शीशे पर ऊपर की ओर लगा होता है। अमूमन इसे शीशे पर बायीं तरफ लगाया जाता है, ताकि, ड्राइवर को किसी प्रकार की परेशानी न हो। जैसे ही आपका वाहन टोल प्लाजा पर पहुंचता है टैग रीडर FasTag को स्कैन कर लेता है। और वाहन को टोल क्रास करने देता है। इसके बाद आपके बैंक अकाउंट से टोल के पैसे अपने आप कट जाएंगे।
किसी भी सरकारी बैंक से फास्टैग स्टीकर ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसके बारे में आप बैंक के कस्टमर केयर से सूचना ले सकते हैं। FasTag खरीदने के लिए आपको गाड़ी की आरसी, पहचान पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होगी। इस लिए आप सभी डॉक्यूमेंट्स की ओरिजनल और फोटोकॉपी दोनों लेकर जाएँ। FasTag खरीदने के बाद इसे यूज करने के लिए अपने फोन पर माई फास्टैग एप डाउनलोड करें। इसमें अपनी गाड़ी के डिटेल्स भर कर टैग को एक्टिवेट कर लें। यहां आप FasTag को रिचार्ज भी कर सकते हैं और बैंक खाते से भी फास्टैग को जोड़ सकते हैं। जब भी आप टोल से गुजरेंगे, राशि आपके खाते से टोल के पैसे कट जाएंगे।