कृषि पिटारा

एक व्यवसाय के रूप में मछली पालन से बदल रही है बेरोजगार युवाओं की किस्मत

भारत में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों के रूप में मछली पालन, विशेष रूप से रंगीन मछलियों (ऑर्नामेंटल फिश) का व्यवसाय एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों, किसानों और व्यवसायियों के प्रयासों से रंगीन मछलियों की डिमांड और उनकी प्रजातियों के संरक्षण में भारी वृद्धि हुई है। आजकल छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक रंगीन मछलियों की दुकानों में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है, जिससे लोग इस आकर्षक उद्योग से जुड़ रहे हैं।

रंगीन मछलियों की लोकप्रियता

दुनिया भर में करीब 2500 से अधिक प्रजातियों की रंगीन मछलियां पाई जाती हैं, जिनमें से 60% मीठे पानी की होती हैं। इन प्रजातियों में से लगभग 30 प्रमुख प्रजातियों, जैसे कि लाइवबीअरर्स, टेट्रा, एंजेल मछली, डिस्कस, और गोल्डफिश का वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण स्थान है। अनुमानित तौर पर वैश्विक स्तर पर रंगीन मछलियों का बाजार 10 अरब डॉलर से अधिक का है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 10% से भी ज्यादा है। हालांकि भारत का इस क्षेत्र में योगदान अभी मात्र 1% से भी कम है, लेकिन सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के साथ यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।

मुनाफा और निवेश

रंगीन मछली पालन में शुरुआती निवेश लगभग 75,000 रुपये होता है, जिसमें निर्माण और चालू खर्च शामिल हैं। इसके बाद सालाना 50,000 रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है। इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए शुरुआती प्रशिक्षण की जरूरत होती है। लगभग 1000 वर्ग फुट की जमीन, सीमेंट के टैंक, कांच के एक्वेरियम, मछलियों के लिए खाद्य सामग्री, दवाइयां, और मछली पकड़ने के उपकरणों की आवश्यकता होती है।

सरकार द्वारा मिल रही मदद

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत सरकार इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों और उद्यमियों को सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। बैकयार्ड ऑर्नामेंटल मछली पालन यूनिट के लिए 3 लाख रुपये, मध्यम आकार की यूनिट के लिए 8 लाख रुपये और समाकलित यूनिट के लिए 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके चलते इस व्यवसाय को अपनाने के लिए इच्छुक युवाओं और किसानों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

युवाओं के लिए नई संभावना

मछली पालन, खासकर रंगीन मछलियों का पालन, भारत में न केवल किसानों के लिए बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए भी एक नया और आकर्षक आय का स्रोत बन रहा है। बाजार की बढ़ती मांग और सरकारी सहयोग से यह उद्योग भविष्य में और भी तेजी से विकसित होने की संभावनाएं रखता है।

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