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गन्ने और भिंडी की मिश्रित खेती में रखें इन बातों का ध्यान

नई दिल्ली: भारत गन्ना उत्पादन करने वाला एक प्रमुख देश है। हमारे देश में कई ऐसे राज्य हैं जहाँ किसान गन्ने की खेती एक प्रमुख फसल के तौर पर करते हैं। लेकिन गन्ने के साथ कुछ अन्य फसलों की सहफसली खेती भी की जा सकती है। मसलन – सब्जियों की। जी हाँ, अगर आप वसंत कालीन गन्ने की खेती कर रहे हैं तो इसके साथ भिंडी की खेती कर दोहरा मुनाफा कमा सकते हैं। गन्ने के साथ भिंडी की खेती करने से आपकी लागत तो कम होगी ही साथ ही साथ 40-45 दिन में सब्जी निकलने से आपकी आमदनी होनी भी शुरू हो जाएगी। आप एक एकड़ गन्ने के खेत से 40-50 क्विंटल तक भिंडी की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

भिंडी एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग निरंतर बनी रहती है। आप गन्ने की फसल के साथ भिंडी को भी बड़ी आसानी से उगा सकते हैं। गन्ने की दो पंक्तियों के बीच भिंडी की दो पंक्तियों में बुआई की जा सकती है। एक एकड़ गन्ने के खेत में भिंडी की बुआई के लिए चार से साढ़े चार किग्रा बीज पर्याप्त होगा। आप ट्रेंच विधि से गन्ने की बुआई कर उसके बीच में भिंडी की खेती असानी से कर सकते हैं। वसंत कालीन गन्ने की बुआई के लिए आप को.सा. 8272, को.सा. 8273, को.सा. 11453, को.सा. 13452, को.सा. 118 व को.सा. 98014 प्रजाति के बीज का प्रयोग कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। ये प्रजातियां काफी उन्नत श्रेणी की हैं।

भिंडी की उन्नत प्रजातियों के बीज का इस्तेमाल करने से की अच्छीप उपज पाने की संभावना काफी बढ़ जाती है। वसंत कालीन गन्ने के साथ भिंडी की बुआई के लिए आप पूसा सावनी, बीआरओ-5, परमनी क्रांति, बीआओ-6, पूसा भिंडी-5 इत्यादि प्रजातियों के बीज बो सकते हैं। इन प्रजातियों के बीजों की बुआई करने से 40-45 दिन के अंदर सब्जी निकलनी शुरू हो जाती है।

किसान मित्रों, गन्ने की बुआई के लिए खेत तैयार करते समय अंतिम जुताई के समय खेत में प्रति एकड़ के हिसाब से 40 से 50 क्विंटल गोबर की खाद ज़रूर मिलाएँ। फिर तमाम तैयारियों के बाद गन्ने की बुआई करें और इसके बाद भिंडी की बुआई करें। जहाँ तक बीज की मात्रा का सवाल है तो एक एकड़ खेत में चार से साढ़े किलोग्राम बीज पर्याप्त होगा। बुआई से पहले भिंडी के बीच को 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। फिर कुछ देर तक छाया में सुखाने के बाद ही भिंडी की बुआई करें। गन्ने की दो पंक्तियों के बीच दो पंक्ति में भिंडी की बुआई करें। पंक्ति से पंक्ति के बीच दूरी 30 सेंटीमीटर तथा बीज से बीच की दूरी 20 सेंटीमीटर ज़रूर बनाए रखें और ढाई से तीन सेंटीमीटर की गहराई में बीज बोएँ। आगे जब भिंडी की फसल तैयार हो जाए तो तीन से चार दिन के अंतराल पर सब्जी तोड़ते रहें।

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