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घर लौट सकेंगे लॉकडाउन में फँसे लोग, गृह मंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण फिलहाल देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों लोग फँसे हुए हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए एक राहत की खबर है जो अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। दरअसल, बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान ऐसे लोगों को घर भेजने की अनुमति दे दी है। हालांकि, मंत्रालय ने अनुमति देने के साथ-साथ कुछ शर्तें भी लागू की हैं, जिनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स के बाद देश भर के अलग-अलग हिस्सों में फँसे मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री व पर्यटक आदि सड़क मार्ग से अपने घर लौट सकते हैं।

प्रवासियों को उनके घर भेजने के केंद्र सरकार के इस फैसले के संबंध में राज्यों के बीच आपसी सहमति होनी ज़रूरी है। ऐसे यात्रियों और समूहों को नोडल अधिकारियों के जरिए एक राज्य से भेजा जाएगा और दूसरे राज्य में उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। प्रवासियों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सभी राज्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे। व्यक्ति को उसके घर भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी। इस दौरान यदि वह पूरी तरह ठीक पाया गया तभी उसकी यात्रा को मंजूरी दी जाएगी। यानी किसी भी व्यक्ति को घर जाने की अनुमति तभी मिल पाएगी जब उसमें कोरोना के संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे।

गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार फंसे लोगों को भेजने के लिए बसों की व्यवस्था की जाएगी। इन बसों को अच्छीं तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। दिशानिर्देश मे केवल बस का ही उल्लेख किया गया है। यानी दिशानिर्देशों के अनुसार निजी वाहनों से जाने पर रोक जारी रह सकती है। यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक यात्रा के दौरान बीच में पड़ने वाले राज्यों को इन बसों को निकलने की सुविधा देनी होगी। घर लौटते समय अगर बीच रास्ते में किसी की तबीयत खराब हुई तो उसे फौरन अस्पताल ले जाया जायेगा।

घर वापस लौटने वाले सभी लोगों का पंजीकरण आवश्यक होगा। इससे राज्य के पास बाहर से लौटे तमाम लोगों की पूरी जानकारी रखने में मदद मिलेगी। उन्हें अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना होगा। ताकि ज़रूरत पड़ने पर उनकी गतिविधियों की निगरानी की जा सके। लोगों के उनके गंतव्य स्थाउन पहुंचने पर सबसे पहले स्वातस्य्ये विभाग की टीम उनकी जांच करेगी। इसके बाद उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा। इस दौरान इन सभी लोगों की समय-समय पर मेडिकल जांच भी की जाएगी।

गौरतलब है कि 24 मार्च को अचानक से हुए लॉकडाउन की घोषणा के बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक दूसरे राज्यों में फंस गए थे। उनकी घर वापसी अब तक एक बड़ी समस्या बनी हुई है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद हजारों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े थे। हाल ही में गुजरात, केरल व महाराष्ट्र में मजदूरों के हिंसक प्रदर्शन की घटनाएं भी सामने आई हैं। न केवल प्रवासी मजदूर बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में फँसे विद्यार्थी भी घर जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

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