कृषि पिटारा

‘इंटेरनेशनल इयर ऑफ मिलेट-2023’ के जरिये भारत सरकार करेगी मिलेट की खेती को प्रोत्साहित

बेंगलुरु: आने वाले वर्ष 2023 को इंटरनेशन ईयर ऑफ मिलेट घोषित किया जा चुका है। इसके लिए भारत सरकार ने पहल की थी, जिसमें बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी भागीदारी करते हुए भारत का समर्थन किया। अभी तक इस पहल के समर्थन में विश्व के 72 देश शामिल हो चुके हैं। जबकि कई अन्य देशों से भी आने वाले समय में समर्थन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इन तमाम हलचलों के बीच केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय ने देश में इंटरनेशल ईयर ऑफ मिलेट मनाने से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कर्नाटक में दो मिनी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जहाँ पोषक-अनाज उत्पादन एवं मूल्यवर्धन से संबंधित मुद्दों पर किसानों, एफपीओ, उद्यमियों, कृषि-स्टार्टअप, निवेशकों, निर्यातकों, कृषि वैज्ञानिकों, नाबार्ड, प्रमुख बैंकों तथा विकास विभागों के साथ चर्चा की गई।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट इनोवेशन चैलेंज के तहत एग्री स्टार्टअप के लिए करोड़ों रुपये के प्रोत्साहन की भी घोषणा की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि, “मिलेट को हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में भोजन की थाली में सम्मानजक स्थान दिलाने का समय आ गया है। हमें मिलेट के महत्व को दुनिया के सामने लाना है। मिलेट प्राचीन फसल है, जिसका उल्लेख भारतीय ग्रंथ- यजुर्वेद के छंदों में भी मिलता है, वहीं कवि कालिदास की अद्वितीय कृति ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ में भी मिलेट का वर्णन है। पूर्व में देश की तात्कालिक परिस्थतियों के मद्देनजर हरित क्रांति हुई एव अनेक निर्णयों के फलस्वरूप गेहूं-चावल फसलों की खेती को बढ़ावा मिला। आज देश में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न की उपलब्धता है, अब हमें फिर मिलेट की तरफ बढ़ना है।”

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस दौरान किसान और कृषि को लेकर चलाई गई योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने कर्नाटक में कृषि क्षेत्र सहित अन्य योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन करने पर मुख्यमंत्री बोम्मई की सराहना करते हुए कहा कि, “कर्नाटक आगे बढ़ रहा है। देश में सबसे पहले कर्नाटक ने समग्र रूप से कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण पारदर्शितापूर्ण तरीके से किया है। राज्य में पोषक-अनाज क्षेत्र बढ़ाने के लिए राहा सिरी योजना लांच कर मिलेट क्षेत्र के विस्तार की योजनाएं बनाकर किसानों को डीबीटी के जरिये 10 हजार रुपए का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बाजरा प्रसंस्करण मशीनरी की स्थापना के लिए राज्य सरकार 10 लाख रुपए (50% सब्सिडी) तक सहायता प्रदान कर मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा दे रही है।”

उक्त कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट इनोवेशन चैलेंज के तहत अच्छा काम करने वाले एग्री स्टार्टअप को एक-एक करोड़ रुपए के तीन पुरस्कार देने की घोषणा की। साथ ही 15 एग्री स्टार्टअप को 20-20 लाख रुपए तथा अन्य 15 एग्री स्टार्टअप को 10-10 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर को मिलेट रिसर्च के लिए नाबार्ड के जरिये 25 करोड़ रुपए दिए जाने का भी ऐलान किया।

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