नई दिल्ली: देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में इस बार सरकारी खरीद का कार्य मार्च से ही शुरू हो गया था। कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया अप्रैल में आरंभ हुई, लेकिन अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश और बिहार में सरकारी केंद्रों पर गेहूं खरीद की अंतिम तारीख 15 जून तय की गई है, जबकि राजस्थान में यह अवधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
इस वर्ष किसानों को गेहूं की सरकारी खरीद पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग लाभ मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 2425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ 20 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त खर्च के रूप में भुगतान किया जा रहा है। राजस्थान के किसानों को MSP के अलावा 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी मिल रहा है। हालांकि, बिहार में किसानों को केवल MSP पर ही भुगतान किया जा रहा है, बिना किसी अतिरिक्त प्रोत्साहन के।
इसी बीच किसानों के लिए यह जानना भी अहम है कि राज्य की मंडियों में फिलहाल गेहूं की बाजार कीमतें क्या चल रही हैं। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार की प्रमुख मंडियों में आज का गेहूं भाव।
उत्तर प्रदेश की मंडियों में स्थिति
उत्तर प्रदेश की अधिकतर मंडियों में गेहूं की मॉडल कीमतें MSP के आसपास बनी हुई हैं। कुछ मंडियों में न्यूनतम कीमतें MSP से नीचे दर्ज की गईं, लेकिन ज्यादातर में किसानों को उचित दाम मिला। चरखारी में जहां गेहूं 2450 से 2480 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिका, वहीं शामली, पंचपेड़वा और बहराइच जैसी मंडियों में अधिकतम कीमत 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंची। रायबरेली, झिझांक और आनंदनगर जैसी मंडियों में कीमतें स्थिर रहीं और औसतन 2440 से 2450 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज की गईं।
राजस्थान की मंडियों में भाव
राजस्थान में भी गेहूं की मॉडल कीमतें संतोषजनक रही हैं। सूरतगढ़ मंडी में आज गेहूं की अधिकतम कीमत 2675 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई, जो इस सीजन की सबसे ऊंची कीमतों में से एक है। कोटा, ओसियां मथानियां, और बस्सी मंडी में भी कीमतें 2500 रुपये प्रति क्विंटल के पार रहीं। हालांकि, कुछ मंडियों में न्यूनतम कीमतें अभी भी MSP से नीचे बनी हुई हैं। लालसोट, मालपुरा और मंडावरी जैसी मंडियों में गेहूं की औसत कीमतें 2400 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास दर्ज की गईं।
बिहार की मंडियों में उतार-चढ़ाव
बिहार की स्थिति थोड़ी मिश्रित रही। भवानीपुर मंडी में 147 एवरेज किस्म का गेहूं 2600 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिका, जो MSP से कहीं अधिक है और किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुआ। दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर मंडी में गेहूं की कीमतें 2100 से 2560 रुपये प्रति क्विंटल तक रहीं, यानी कुछ किसानों को अभी भी समर्थन मूल्य से कम पर फसल बेचनी पड़ी।
कुल मिलाकर, सरकारी खरीद की अंतिम तिथियों के नजदीक आते ही मंडियों में गेहूं की कीमतों में हलचल देखने को मिल रही है। जहां कुछ मंडियों में किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक कीमतें मिल रही हैं, वहीं कुछ स्थानों पर MSP से कम दरों पर भी बिक्री हो रही है। ऐसे में विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे बाजार भाव की सही जानकारी लेकर ही अपनी फसल की बिक्री करें ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके।