लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे दिल्ली ही नहीं, बल्कि राज्य के कई शहरों के लोग भी परेशान हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जिनमें से एक है किसानों द्वारा धान की पराली और गन्ना की पत्तियां जलाने से रोकना। इस दिशा में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को सभी जिला प्रशासन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए उक्त मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिया कि पराली और गन्ना की पत्तियां जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जाए और उनको गन्ना खरीद की पर्ची न दी जाए।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों से 02 एकड़ से कम रकबे वाले किसानों से 2500 रुपये, 02 से 05 एकड़ रकबे वाले किसानों से 5000 रुपये तथा 05 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों से 15,000 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। गन्ना की पत्तियां जलाने वाले किसानों को गन्ना खरीद की पर्ची न देने का निर्देश भी दिया गया है। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जो भी जुर्माना लगाया जाए, उसे वसूल भी किया जाएगा। उन्होंने जिला एवं पुलिस प्रशासन को लगातार सक्रिय रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जहां भी पराली या कूड़ा जलाने की घटनाएं दोहराई जाएंगी, वहां संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जवाबदेह होंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी इससे गंभीर खतरा है। वायु प्रदूषण से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारियां आदि बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, हमें वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा।