नई दिल्ली: भारत में खेती-बाड़ी का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन बदलते समय के साथ खेती के तरीकों में भी बदलाव आया है। आजकल हाइड्रोपोनिक्स और ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स जैसी तकनीकों के माध्यम से बिना मिट्टी के भी फल और सब्जी उगाए जा सकते हैं।
क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक?
हाइड्रोपोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें मिट्टी की जगह पानी का उपयोग करके पौधों को उगाया जाता है। इस तकनीक में पानी में पोषक तत्व घोलकर पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने के लिए सिर्फ 3 चीजों की आवश्यकता होती है: पानी, पोषक तत्व और प्रकाश।
ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स तकनीक क्या है?
ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स, हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का ही एक प्रकार है। इस तकनीक में पौधों की जड़ों तक पानी और पोषक तत्वों को ड्रिप सिंचाई प्रणाली के माध्यम से पहुंचाया जाता है। यह तकनीक पानी की बचत के लिए बहुत उपयोगी है। ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से पारंपरिक खेती की तुलना में 60% तक पानी की बचत होती है।
हाइड्रोपोनिक्स और ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के लाभ:
पानी की बचत: हाइड्रोपोनिक तकनीक में पानी की कम जरूरत होती है, जिससे पानी की बचत होती है।
बेहतर उत्पादन: ग्रीनहाउस और हाइड्रोपोनिक्स की मदद से फल और सब्जियों का बेहतर उत्पादन होता है।
पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग: यह तकनीक पोषक तत्वों को पानी में बिना बर्बाद किए इस्तेमाल करती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
कम खर्च: हाइड्रोपोनिक्स और ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने पर किसानों को बेहतर उत्पादन और आय प्राप्त होती है, जिससे उनका खर्च कम होता है।
इस तरह की नई तकनीकों का अध्ययन करने और उन्हें कृषि क्षेत्र में अपनाने से, भारतीय किसानों को अपने उत्पादन को बढ़ाने और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने का अवसर मिलता है। हाइड्रोपोनिक्स और ड्रिप हाइड्रोपोनिक्स तकनीकें खेती के तरीके को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये तकनीकें पानी की बचत, बेहतर उत्पादन और उच्च गुणवत्ता वाले फल और सब्जी प्रदान करती हैं।