कृषि पिटारा

गुजरात: गांधीनगर में इफको नैनो डीएपी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन

नई दिल्ली: इफको द्वारा पेश नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बारे में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इफको द्वारा पेश नैनो यूरिया और नैनो डीएपी किसानों को उत्पादन से समझौता किए बिना प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करेगा। ये बात उन्होंने गांधीनगर जिले के कलोल में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) यूनिट में नैनो डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट लिक्विड) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन करने के बाद कही। उन्होंने यह भी कहा कि, “आज से दस साल बाद जब कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़े प्रयोगों की सूची तैयार की जाएगी, तो मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि इफको के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को इसमें जगह मिलेगी।“

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया और कहा कि, “समय की मांग है कि यूरिया का उपयोग कम किया जाए और प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाया जाए। अगर आप तीन साल तक उत्पादन कम किए बिना प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करें। नैनो यूरिया जमीन में नहीं समाता है और इसलिए यह केंचुओं को नुकसान नहीं पहुंचाता है, जो प्राकृतिक खेती का का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसान कुछ वर्षों तक नैनो यूरिया के साथ प्रयोग जारी रख सकते हैं, जब तक कि जमीन तैयार न हो जाए और प्राकृतिक खेती के लिए वह प्रमाणित न हो जाए।”

श्री शाह ने किसानों से दानेदार यूरिया और डीएपी के बजाय इन उर्वरकों के अधिक परिणाम देने वाले लिक्विड फर्टिलाइजर को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दानेदार यूरिया का उपयोग न केवल फसलों को बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।

कार्यक्रम के दौरान इफको ने अपने बयान में कहा कि यह अपनी तरह का पहला प्लांट है जो पारंपरिक डीएपी के एक बैग के बराबर 500 मिलीलीटर इफको नैनो डीएपी (लिक्विड) बोतलों का उत्पादन करेगा। इस नए प्लांट की क्षमता प्रतिदिन दो लाख बोतलें बनाने की होगी। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली परियोजना इफको नैनो डीएपी (लिक्विड) की शुरूआत, भारत के कृषि उद्योग को मौलिक रूप से बदल देगी, किसानों में समृद्धि लाएगी और उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी। इफको द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया है कि फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो यूरिया के उत्पादन को मंजूरी दी और 2023 तक देश ने लगभग 17 करोड़ नैनो यूरिया बोतलों के उत्पादन के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर लिया गया। इफको ने अधिकांश ऑपरेशनल प्लांट शुरू दिया है और कई अन्य पाइपलाइन में हैं। इसने अगस्त 2021 में नैनो यूरिया बनाना शुरू किया और मार्च 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा चुका है।

कलोल (गांधीनगर, गुजरात) में इफको द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नैनो डीएपी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी व इसके सीईओ और एमडी उदय शंकर अवस्थी भी उपस्थित थे।

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