कृषि पिटारा

हरियाणा: 31 जुलाई तक आवेदन कर किसान उठा सकते हैं ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना का लाभ

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार किसानों के लिए एक ऐसी योजना लेकर आई है जिससे किसानों को काफी फायदा होने वाला है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को धान की जगह पर किसी अन्य फसल की खेती करनी होगी। क्योंकि धान की खेती में कई अन्य फसलों के मुकाबले पानी की अधिक आवश्यकता होती है। इस फसल की खेती से भूमिगत जल के स्तर में कमी आती है और जल संकट की समस्या संभावित हो जाती है। हरियाणा में भूमिगत जल का स्तर बहुत नीचे चला गया है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने इस खरीफ सीजन में धान के बजाए दूसरी फसलों की बुवाई करने के लिए किसानों से अपील की है। इसके लिए किसानों को सहायता राशि दी जाएगी।

हरियाणा सरकार किसानों के लिए प्रदेश में ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ नाम की एक योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत्त प्रदेश में पानी को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है। हरियाणा सरकार का मानना है कि धान की खेती में बहुत अधिक पानी की बर्बादी हो रही है। संभव है कि आने वाले वर्षों में जल संकट की समस्या उपन्न हो जाए। तो बेहतर है कि समय रहते तैयारी की जाए और भविष्य के लिए जल का संरक्षण किया जाए।

जो किसान ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वो हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://fasal.haryana.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण की आखिरी तारीख 31 जुलाई निर्धारित की गई है। अगर अधिक से अधिक किसान सरकार की इस योजना से जुड़ते हैं तो भूमिगत जल के स्तर को बनाए रखने के अलावा इससे फसल विविधता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, उन्हें सरकार की ओर से धान की जगह दूसरी फसल की खेती करने पर 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी दी जाएगी। खास बात यह है कि अगर किसान खेत को खाली रखते हैं, यानी उसमें किसी भी तरह की फसल नहीं लगाएंगे, तो भी वे इस योजना के तहत लाभ के हकदार होंगे। हरियाणा सरकार की इस योजना के बारे अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 1800-180- 211 पर कॉल कर सकते हैं।

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