चंडीगढ़: कई अन्य राज्यों की तरह बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से हरियाणा में भी रबी की फसल को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। मौसम के इस प्रकोप से सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। इस स्थिति से परेशान होकर किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार ने किसानों की मांग को देखते हुए मुआवजे का ऐलान कर दिया है। अब फसल बर्बादी का आकलन करने के लिए गिरदावरी का काम किया जा रहा है। यह काम पूरा होते ही किसानों को मुआवजे की राशि दी जाएगी।
राज्य सरकार ने यहाँ तक कहा है कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसे किसानों को राज्य सरकार अपने फंड से सहायता राशि देगी। खास बात यह है कि गिरदावरी कि रिपोर्ट 15 दिन के अंदर आ जाएगी। इसके बाद किसानों को फसल बर्बादी के अनुसार मुआवजे की रकम दी जाएगी। मुआवजे की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए किसानों को एक महीना और इंतजार करना होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान ये जानकारी दी है। उनके मुताबिक, जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवा रखा था, उन्हें बीमा कंपनियों के द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है, उन्हें राज्य सरकार अपने फंड से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा राशि देगी।
किसानों को फसल की क्षति के एवज में मुआवजा पाने के लिए ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल बर्बादी का पूरा ब्यौरा देना होगा। अगर किसान चाहें तो अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जाकर फसल नुकसान की पूरी जानकारी दे सकते हैं।