चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने भूजल संकट से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, राज्य सरकार ने सिंचाई के लिए प्रदेश में एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत् सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। गौरतलब है कि ट्यूबवेल के द्वारा खेतों की सिंचाई करने पर पानी की बर्बादी अधिक होती है। पानी के अधिक दोहन से कई राज्यों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। इससे किसानों को सिंचाई करने में बहुत परेशानी हो रही है। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा ट्यूबवेल से सिंचाई होती है। ऐसे में यहां पर भूजल स्तर काफी तेजी से नीचे गया है। यही वजह है कि सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है।
हरियाणा सरकार की पहल के तहत् ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को अपनाने और रिचार्जिंग बोरवेल इंस्टॉल करवाने के लिए सरकार की तरफ से किसानों को बंपर सब्सिडी दी जा रही है। अगर किसान चाहें तो घर बैठे सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने पर किसानों को लागत की 85 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। खास बात यह है कि इसकी जानकारी खुद सरकार ने ट्वीट कर दी है। ट्वीट के मुताबिक जल संचय को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर है। सरकार की योजना के अनुसार पहले चरण में 1,000 रिचार्जिंग बोरवेल लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
कहा जा रहा है कि जल संरक्षण को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर है। सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में एक हजार रिचार्जिंग बोरवेल लगाने का फैसला किया गया है। एक बोरवेल लगाने में सरकार की तरफ से 25 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। यदि आप चाहें तो हरियाणा सरकार की वेबसाइट www.hid.go.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों की माने तो ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को अपनाने से पानी की 70 प्रतिशत तक बचत होती है। साथ ही फसलों का उत्पादन भी 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।