चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों के हित में एक बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है। दरअसल, सरकार गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस बढ़ोतरी के बाद अब गन्ने का मूल्य 372 रुपये हो गया है। गन्ने का नया मूल्य इसी सत्र से लागू होगा। इससे पहले गन्ने की कीमत 362 रुपये प्रति क्विंटल थी। गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि चूंकि गन्ने के भाव में वृद्धि की गई है, इसलिए अब किसान गन्ने को मिलों में ले जाना शुरू करें, जिससे मिलें सुचारू रूप से चल सकें। चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के पक्ष में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, फिर भी हम चीनी की कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को ज्यादा कीमत दे रहे हैं। चीनी मिलें लगातार घाटे में चल रही हैं, लेकिन फिर भी हमने समय-समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है। इस समय राज्य की चीनी मिलों पर 5293 करोड़ रुपये का घाटा है। सरकारी मिलों में चीनी की रिकवरी का प्रतिशत 9.75 है, जबकि निजी मिलों का प्रतिशत 10.24 है।
मुख्यमंत्री महोहरलाल खट्टर ने यह भी कहा कि चीनी की रिकवरी बढ़ाने और मिलों को अतिरिक्त आय के लिए मिलों में एथेनॉल और ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के साथ-साथ सहकारी चीनी मिलों की क्षमता बढ़ा रहे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में गन्ना किसानों का समय पर भुगतान किया जाता है। साल 2020-21 में 2628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इस साल को कोई भी बकाया नहीं है। इसी तरह साल 2021-22 में केवल 17.94 करोड़ रुपये नारायणगढ़ चीनी मिल के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। सहकारी चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि एक हफ्ते के भीतर किसानों को भुगतान किया जाए। साथ ही किसानों को भी यह विकल्प दिया गया है कि अगर वे चीनी मिलों का संचालन करना चाहें, तो सरकार इस पर भी विचार कर सकती है।