धर्मवीर एक ऐसे किसान का नाम है जिसे अपने परिवार के भरण पोषण के लिए दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा तक चलाना पड़ा, पर किस्मत को यह मंज़ूर नहीं था, एक हादसा हुआ जिसमें धर्मवीर की टांग टूट गई जिसके चलते धर्मवीर फिर से यमुनानगर स्थित अपने गांव दामला लौट आये लेकिन दिल्ली में उसने कुछ ऐसा देखा कि जो उसके जीवन में तबदीली ला सकता था।
उसी को दिमाग में रखते हुए धर्मवीर ने जैसे तैसे थोड़ी जमीन पर जड़ी बूटियों की खेती शुरू की लेकिन वहां पर वह कामयाब नहीं हुए, ऐसे में धर्मवीर के हाथ एक बार फिर से निराशा लगी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और फिर से काम पर डट गए।
ऐसे में उसकी मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लग गई और देखते ही देखते धर्मवीर छोटी-छोटी मशीने बनाने लगे जो खेती में उनके काम आने लगी। पर साथ ही उन्होंने शुरुआत में एलोवेरा की खेती की और उसका जूस निकालकर उसने मार्केट में बेचना शुरू किया और यहीं उसको धीरे-धीरे आगे ले गया.
धर्मवीर ने एलोवेरा से ऐसी शुरूवआत की और एक के बाद एक मशीन अपनी ही वर्कशाप में तैयार करने लग गए। उनकी यह मशीने लोगों को भाने लगी और मशीन के लिए देश विदेश से भी लोग उनके पास आने लगे।
हालात यह हो गए कि कल तक का रिक्शा चलाने वाले धर्मवीर को राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया, धर्मवीर को विदेशी मेहमान भी मिलने आये। आज धर्मवीर उन किसानों को भी अपने गुर बताने लगे हैं जो नामी किसानो में आते हैं। उनकी मानें तो यह सब उसकी मेहनत है और यह मेहनत आज साबित कर रही है कि अगर मन में किसी काम को करने का जनून है तो वह उस मुकाम तक पहुंच ही जाता है