नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्याज निर्यात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क को पूरी तरह से हटा देने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को वैश्विक बाजारों तक बेहतर पहुंच देना और उनकी आय में वृद्धि करना है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की किसान हितैषी नीति का हिस्सा है, जो किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और उन्हें प्याज की गिरती कीमतों से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि इस फैसले से किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “अब से प्याज निर्यात पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगेगा, ताकि हमारे किसानों द्वारा कड़ी मेहनत से उगाए गए प्याज वैश्विक बाजारों तक आसानी से पहुंच सकें और उन्हें बेहतर कीमत मिल सके।” चौहान ने यह भी कहा कि इस निर्णय से किसानों को वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों को बेचना आसान होगा, जिससे उनकी आय में सुधार होगा और वे अच्छे दामों पर अपनी फसलें बेच सकेंगे।
पहले 40 प्रतिशत शुल्क, अब पूरी छूट
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पहले प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत सीमा शुल्क तय किया गया था, लेकिन जैसे ही प्याज की कीमतें गिरने लगीं और किसानों को कम लाभ मिलने लगा, सरकार ने इसे घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा, “अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 20 प्रतिशत सीमा शुल्क भी पूरी तरह से हटा दिया जाए।” इससे प्याज की कीमतों में गिरावट से प्रभावित किसानों को राहत मिलेगी और वे अपने उत्पाद को बेहतर मूल्य पर बेच सकेंगे।
निर्यात शुल्क हटाने का उद्देश्य और सरकार की प्रतिबद्धता
वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी अधिसूचना के अनुसार, निर्यात शुल्क वापसी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा किसान हितैषी रही है और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम करती रही है। किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का यह कदम किसानों को प्याज की कीमतों में भारी गिरावट से बचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे किसान महंगे कीमतों पर अपनी फसलें बेच पाएंगे और उन्हें ज्यादा लाभकारी मूल्य मिलेगा।
निर्यात शुल्क हटने से बढ़ेगा वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा
इस निर्णय का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारत के प्याज उत्पादकों को वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इस कदम से भारत के प्याज निर्यातकों को अन्य देशों में अपनी उपज बेचने में आसानी होगी, जिससे देश की कृषि आय में भी वृद्धि हो सकती है। साथ ही, यह किसानों को बाजार की अस्थिरता और कीमतों में गिरावट से बचाएगा, और उन्हें अपने उत्पादों के लिए एक स्थिर और लाभकारी बाजार मिलेगा।
कृषि क्षेत्र में सरकार की लगातार पहल
यह कदम भारत सरकार की कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए उठाए गए कई कदमों में से एक और महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने पहले भी किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने, एमएसपी पर फसल की खरीद बढ़ाने, और कृषि बीमा योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। प्याज निर्यात पर सीमा शुल्क हटाने का निर्णय भी इसी सिलसिले का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किसानों को वैश्विक बाजारों में अधिक पहुंच और बेहतर मूल्य दिलाना है।
केंद्र सरकार का यह निर्णय भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। इससे प्याज के निर्यात में वृद्धि होने की संभावना है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होगा। 1 अप्रैल से सीमा शुल्क हटने के बाद, भारतीय प्याज उत्पादक वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे और उन्हें लाभकारी मूल्य मिल सकेगा। यह कदम निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की आय वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।