कृषि पिटारा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ऐसे पाएँ मुआवजा

नई दिल्ली: इस साल खरीफ सीजन में भारी वर्षा के चलते कई राज्यों में किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। इस वजह से किसानों को मुआवजा की आवश्यकता हो रही है। कुछ स्थानों पर धान की कटाई के बाद हुई बारिश ने फसल को खराब कर दिया है। ऐसे में किसानों के मन में एक सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या उन्हें इस नुकसान का मुआवजा मिलेगा या नहीं।

कई किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है, जिससे वे योग्य होते हुए भी योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं। विशेष रूप से जब किसानों की फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से बर्बाद हो जाती है तो उनपर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है। कई बार यह बोझ इतना भारी होता है कि वे आने वाले सीजन में फसल की बुआई करने में असमर्थ होते हैं, जबतक कि उन्हें कोई आर्थिक सहायता ना दी जाए।

पीएम फसल बीमा योजना एक ऐसी सरकारी योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को फसलों के हानि के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत किसानों को कटाई के बाद हुए नुकसान की भरपाई की जाती है, ताकि वे सुगमता पूर्वक कृषि कार्यों को जारी रख सकें और कर्ज के जाल में ना फँसें। लेकिन इसके लिए किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जानकारी 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को देनी होती है। लेकिन किसानों को फस बीमा सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारों को जानना चाहिए कि वे कैसे और कब सूचना देंगे।

पीएम फसल बीमा योजना के तहत, फसल कटाई के बाद अगले 14 दिनों के भीतर खेत में बाकी फसल को खुदाई करने, सुखाने या उसे सुरक्षित रखने के लिए बचाने का प्रावधान होता है। अगर किसान की खेत में कटी हुई फसल भीग कर खराब होती है, तो उसे भी बीमा योजना में कवर किया जाता है। किसानों को सूचना और सहायता के लिए के लिए स्थानीय कृषि विभाग और बीमा कंपनियों के साथ जुड़ना चाहिए। यह उनके फायदे के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। फसल कटाई के बाद फसल को किसी आपदा से कितना नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा प्राप्त करने के लिए पीएम किसान योजना महत्वपूर्ण हो सकती है, इसलिए किसानों को उसके बारे में जागरूक रहना आवश्यक है।

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