वर्मीकम्पोस्ट या केंचुआ खाद कई पोषक पदार्थों से भरपूर एक जैविक उर्वरक है। इसका निर्माण केंचुओं को एक नियंत्रित वातावरण में रख कर किया जाता है। इस क्रिया को वर्मीकल्चर कहते हैं। केंचुआ मिट्टी में पाये जाने वाले जीवों में सबसे प्रमुख है। वनस्पतियों और केंचुओं द्वारा निकाले गए अपशिष्ट पदार्थों के विघटन के बाद वर्मीकम्पोस्ट का निर्माण होता है। वर्मीकम्पोस्ट डेढ़ से दो महीने के भीतर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर तथा 1.5 से 2% पोटाश पाया जाता है। इस विधि से बने खाद की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। इस खाद का भण्डारण भी सहजता के साथ किया जा सकता है।
किसान मित्रों, वर्मीकम्पोस्ट के विषय में आज आपसे संवाद कर रहे हैं – श्री शुभंकर भारद्वाज। श्री भारद्वाज कृषि मामलों और तकनीकों की विशेष जानकारी रखते हैं। वीडियो देखिये और यदि इस विषय से संबन्धित आपके पास कोई सवाल हो तो उसे कमेन्ट बॉक्स में लिख छोड़ें। वीडियो को लाइक और शेयर ज़रूर करें।
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