नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के 15 राज्यों में किसानों के हित में एक विशेष योजना की शुरुआत की है। इसके तहत् केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश के इन चुनिंदा राज्यों के 343 जिलों में निःशुल्क 8,20,600 बीज मिनीकिट वितरित किया जा रहा है। इससे बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि होगी और उत्पादन व उत्पादकता भी बढ़ेगी। परिणाम स्वरूप किसान अधिक आमदनी प्राप्त कर पाएंगे। केंद्र सरकार का यह कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-ऑयलसीड व ऑयलपाम योजना के अंतर्गत्त प्रारंभ किया गया है। इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुरैना व श्योपुर जिले से की गई है। योजना की शुरुआत करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लगभग दो करोड़ रुपए मूल्य के सरसों बीज मिनी किट का वितरण किया।
इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कहा कि, “मध्य प्रदेश के मुरैना व श्योपुर, गुजरात के बनासकांठा, हरियाणा के हिसार, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के एटा तथा वाराणसी जिलों को इस वर्ष के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तहत् हाइब्रिड बीज मिनीकिट के वितरण के लिए चुना गया है। 5 राज्यों के इन 7 जिलों में कुल 1,615 क्विंटल बीज से 1,20,000 बीज मिनीकिट तैयार करके वितरण किया जाएगा। हर जिले को 15 से 20 हजार बीज मिनीकिट दिए जाएंगे।”
बीज मिनीकिट कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च उपज क्षमता व अन्य उपयोगी विशेषताओं वाली नई किस्मों का ध्रुवीकरण करना है। आसपास के जिलों के किसानों को इन किस्मों पर भरोसा होगा, जिसके परिणामस्वरूप किसान इसे बड़े पैमाने पर अपनाएंगे।
आपको बता दें कि नियमित कार्यक्रम के अलावा सरसों की तीन टीएल हाइब्रिड उच्च उपज देने वाली किस्मों (जेके-6502, चैंपियन व डॉन) को बीज मिनीकिट वितरण के लिए चुना गया है। इसके अंतर्गत देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों के लिए सूक्ष्मस्तरीय योजना के बाद इस वर्ष रेपसीड व सरसों कार्यक्रम के बीज मिनीकिट वितरण कार्यान्वित करने की मंजूरी दी गई है। 15 राज्यों के 343 चिन्हित जिलों में वितरण के लिए 8,20,600 बीज मिनीकिट के वितरण के लिए कृषि मंत्रालय ने अनुमोदित किया है। इस कार्यक्रम में सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश,बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के विभिन्न जिलों को शामिल किया गया है। इसके लिए सरकार की ओर से 1,066.78 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं।