गुरुग्राम : बिना मिट्टी की खेती को हाइड्रोपोनिक्स कहा जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह आने वाले समय में खेती का भविष्य है। हाइड्रोपोनिक्स विधि की खेती में पोट्स में मिट्टी की जगह पर नारियल के फाइबर को भरा जाता है। और जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इसमें मिट्टी की ज़रूरत तो नहीं ही होती है साथ-ही-साथ सामान्य खेती के मुकाबले इसमें पानी की खपत भी 90 प्रतिशत तक कम होती है।
किसान मित्रों, हाइड्रोपोनिक्स के बारे में और अधिक जानकारी के लिए रेडियो पिटारा आपको मिलवा रहा है इस विषय के अनुभवी युवा किसान विपिन यादव से। विपिन जी गुरुग्राम के गाँव सैयदपुर के निवासी हैं। इनके परिचय में इतना कहना काफी होगा कि इन्होने उच्च शिक्षा ग्रहण कर एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी की। और जब महसूस हुआ कि उनकी शिक्षा और उनके अनुभव की मंजिल कहीं और है तो उन्होने नौकरी छोड़ कर कृषि को अपना करियर बना लिया। आज इनका नाम बिना मिट्टी के खेती करने वाले शीर्ष किसानों की सूची में शामिल है।