नई दिल्ली: 2024-25 के सीजन में, भारतीय सरकार ने किसानों के समर्थन में बड़ा कदम उठाया है। पिछले कुछ वर्षों से, किसानों को अपनी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमतों पर बेचनी पड़ रही थीं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा था। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने कृषि मंत्रालय की मदद से किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें सबसे प्रमुख योजना है मूल्य समर्थन योजना (PSS), जिसका उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना है।
किसानों के लिए MSP बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी फसलों के लिए एक न्यूनतम मूल्य मिलेगा। पिछले कुछ सालों से, विशेष रूप से दलहन और तिलहन की कीमतें MSP से नीचे गिरने लगी थीं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा था। इन कीमतों में गिरावट के कारण, किसानों की आय में कमी आई और वे घाटे में चल रहे थे। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने PSS के तहत एक विशेष योजना बनाई है।
इस योजना के तहत, सरकार ने 6 मिलियन टन तिलहन और 5 मिलियन टन दलहन की खरीद को मंजूरी दी है। यह योजना 2017-18 के बाद अब तक की सबसे बड़ी MSP खरीद है। इससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा और वे अपने उत्पादों को नुकसान में नहीं बेचेंगे।
कृषि मंत्रालय ने 2024-25 सीजन के लिए कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्यों में MSP पर फसल की खरीद को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत, 4.5 मिलियन टन दलहन की खरीद को मंजूरी दी गई है, जिसमें तुअर, चना, उड़द, मसूर और मूंग जैसी फसलें शामिल हैं। इसके साथ ही, PSS के तहत सरसों और मूंगफली की भी MSP पर खरीद की जाएगी, जो किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है।
PSS का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना है। जब बाजार की कीमतें MSP से नीचे चली जाती हैं, तो सरकारी एजेंसियां PSS के तहत किसानों से उनकी फसलें MSP पर खरीद लेती हैं। इससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए अच्छा मूल्य मिलता है और बाजार में कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है। इस योजना से किसानों को एक बड़ा सहारा मिलेगा, खासकर तब जब बाजार में कीमतें नीचे गिर रही हों।
सरकार ने PSS के तहत तुअर, उड़द, और मसूर की खरीद सीमा को हटा दिया है। इससे किसानों को ज्यादा मात्रा में अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी, जो भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी सफलता होगी। यह कदम भारतीय किसानों की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में सहायक साबित होगा और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कहा था कि सरकार MSP पर तिलहन और दलहन की खरीद को जारी रखेगी, ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके। इस योजना के तहत, सरकारी एजेंसियां किसानों से MSP पर तिलहन और दलहन की बड़ी मात्रा में खरीद करेंगी, जो उन्हें बेहतर आर्थिक स्थिति प्रदान करेगी और कृषि क्षेत्र की स्थिरता को सुनिश्चित करेगी।
2024-25 के खरीफ सीजन के दौरान, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों से सोयाबीन और मूंगफली की खरीद कर चुकी हैं। यह पिछले सालों की तुलना में एक बड़ी बढ़त है, और इसका सीधा लाभ 1.3 मिलियन किसानों को मिलेगा। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से किसानों की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और वे अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
किसानों के लिए 2024-25 का सीजन एक नया अवसर लेकर आया है। सरकार की PSS योजना के तहत MSP पर फसलों की खरीद को बढ़ावा देकर किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन योजनाओं से भारतीय किसान अपने उत्पादों का सही मूल्य प्राप्त करेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र की स्थिरता बनी रहेगी।