कृषि पिटारा

इन उपायों को अपनाकर जट्रोफा की खेती से कमाएँ अधिक मुनाफा

नई दिल्ली: अगर आप औषधीय फसलों की खेती करना चाहते हैं तो आपके लिए जट्रोफा एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। जट्रोफा से जैव ईंधन, औषधि, जैविक खाद और रंग आदि बनाए जाते हैं। बाज़ार में इसकी अच्छी खासी मांग है। इसलिए इसकी खेती से आपको बढ़िया मुनाफा मिल सकता है। जट्रोफा की फसल भूमि का कटाव रोकने और खेत की मेड़ों पर बाड़ के रूप में भी काम आती है। जट्रोफा बेहतर किस्म के बायो-डीजल का स्रोत है। तो चलिये जानते हैं इसकी खेती से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें।

जट्रोफा की नर्सरी मार्च-अप्रैल माह में लगाई जाती है। जबकि इसकी रोपाई जुलाई से सितम्बर महीने के बीच की जा सकती है। इसकी बुवाई बीज द्वारा सीधे गड्डों में की जाती है। जट्रोफा के पौधे बीज अथवा कलम द्वारा तैयार किए जाते हैं।

जहाँ तक बात है जट्रोफा की खेती के लिए जलवायु की तो यह शुष्क एवं अर्धशुष्क जलवायु में बेहतर उपज देती है। जट्रोफा की खेती के लिए दोमट भूमि बेहतर होती है। हाँ, इसकी खेती शुरू करते समय जल जमाव वाली भूमि से परहेज करना चाहिए। जट्रोफा की जड़ों में पानी की अधिकता पौधे के लिए हानिकारक है। जहाँ तक हो भूमि का चयन करते समय ढलान वाली भूमि का चुनाव करें क्योंकि ऐसी भूमि पर जेट्रोफा की खेती करने से अच्छी बढ़वार मिलती है।

जट्रोफा की अच्छी पैदावार के लिए खेत में 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज डालना चाहिए। इस फसल में अक्सर जड़ सड़न और तना विगलन की समस्या उत्पन्न होती है। इनकी रोकथाम के लिए प्रति किलो बीज में 2 ग्राम थाइरेम, बेबिस्टीन और वाइटावेक्स को 1:1:1 मिलाकर बोएँ। जट्रोफा के पौधों की सिंचाई मार्च से मई के बीच दो बार करें और प्रत्येक तीन माह के अन्तराल पर खाद का प्रयोग करें व गुड़ाई करें।

जट्रोफा के पौधों में सूंडी तने को काट देती है। इस पर नियंत्रण के लिए Lindane या Follidol का प्रयोग करें। पौधों को गोल छाते का आकार देने के लिए दो वर्ष तक कटाई-छँटाई करते रहें। पहली छँटाई में रोपण के 7-8 महीने के बाद करें। दूसरी छँटाई 12 महीने बाद करें। प्रत्येक छँटाई के बाद 1 ग्राम बाविस्टीन 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव ज़रूर करें।

किसान मित्रों, बरसात के समय में जट्रोफा के पौधे में फूल आने लगते हैं और दिसंबर से जनवरी महीने में हरे रंग के फल काले पड़ने लगते हैं। जब फल का ऊपरी भाग काला पड़ने लगे तब उन्हें तोड़ा जा सकता है। फल की तुड़ाई से पहले यह बेहतर होगा कि आप खरीदार का चुनाव कर लें ताकि समय पर उनकी बिक्री की जा सके।

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