नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एग्रोमेट एडवाइजरी जारी कर विभिन्न राज्यों के किसानों को फसल से संबंधित सलाह दी है। मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान में मौसम शुष्क रहेगा, इसलिए किसानों को अपनी फसलों और मिट्टी में नमी बनाए रखने पर ध्यान देने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही आईएमडी ने बिहार, झारखंड और ओडिशा के किसानों के लिए खास सलाह जारी की है।
बिहार के किसान ग्रीष्मकालीन सब्जियों की पौध नर्सरी के लिए पॉली टनल में क्यारियां तैयार करें और बुवाई से पहले मिट्टी का उपचार करें। उत्तर पश्चिमी जलोढ़ मैदानी क्षेत्र में शुष्क मौसम के चलते खड़ी फसलों से खरपतवार को निकालते रहें। गन्ना बोने के लिए भूमि की तैयारी करें और स्वस्थ पैदावार के लिए 15-20 टन एफवाईएम डालें। अगर आप अरहर की खेती कर रहे हैं तो फसल में फली छेदक कीटों की निगरानी करते रहें और संक्रमण की स्थिति में छिड़काव करें। जबकि दक्षिण बिहार में गेहूं और सरसों की फसलों में कीटों की निगरानी करते रहें और आवश्यक उपचार करें।
झारखंड में सरसों की फसल में एफिड्स का प्रकोप हो सकता है, इसलिए प्रभावित हिस्सों को काटकर नष्ट करें या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें। जबकि गेहूं की खेती करने वाले किसान फसल की इंटरनोड अवस्था में सिंचाई करें।
मौसम विभाग की ओर से ओड़ीसा के किसानों को सालह दी जाती है कि कोहरे की स्थिति में आलू, टमाटर और प्याज की फसलों में झुलसा रोग और अन्य कीटों से बचाने के लिए फसलों की लगातार की निगरानी करें। पश्चिमी लहरदार क्षेत्र में हरा चना, काला चना, मूंगफली, मटर, मक्का जैसी फसलों में नमी की कमी से बचने के लिए समय पर सिंचाई करें। सब्जियों में बोरर कीट से बचाने के लिए फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें। तटीय क्षेत्रों में फसलों के रस चूसने वाले कीटों से बचाने के लिए चिपचिपे जाल लगाएं। आईएमडी ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति के अनुसार फसलों का ध्यान रखें और दिए गए उपायों को अपनाएं ताकि उनकी फसलें स्वस्थ और उपजाऊ रहें।