कृषि पिटारा

बागवानी फसलों के मामलों में भारत की स्थिति हुई बेहतर

नई दिल्ली: भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम कर ली है। वह दिन अब दूर नहीं जब हमारा देश बागवानी फसलों के उत्पादन मामले में शीर्ष पर होगा। जी हाँ, भारत बागवानी क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है। बागावनी फसलों के लिए हमारे देश की मिट्टी और जलवायु अनुकूल है। यही नहीं, हमारे यहाँ खेती पर होने वाली लागत भी अन्य देशों के मुकाबल काफी कम है। हमारे देश में बागवानी का क्षेत्रफल सकल फसली क्षेत्र का केवल 13.1 प्रतिशत है, इसके बावजूद सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 30.4 प्रतिशत है।

कई पारंपरिक फसलों के मुक़ाबले किसानों को बागवानी फसलों से ज़्यादा मुनाफा हासिल हो रहा है। देश के कई राज्य बागवानी फसलों की खेती प्रमुखता से कर रहे हैं। मसलन – बिहार में हजारों किसानों की आजीविका बागवानी के ऊपर ही निर्भर है। पूरे भारत में लीची का उत्पादन सबसे अधिक बिहार में होता है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसी तरह माखाना उत्पादन में तो बिहार विश्व भर में अग्रणी है। वहीं, आम के उत्पादन में यह देश भर में चौथे स्थान पर है। बिहार के किसानों ने भिंडी उत्पादन के मामले में भी बिहार देश भर में अव्वल है। इस मामले में बिहार की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बागवानी फसलों की खेती में भारत ने हाल के दशकों में काफी तरक्की की है। हमारे देश में वर्ष 2001-02 के दौरान बागवानी उत्पादन 8.8 टन प्रति हेक्टेयर था, जो साल 2020-21 में बढ़कर 12.1 टन प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गया है। यही नहीं, इस दौरान बागवानी करने वाले किसानों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। इससे इसका क्षेत्रफल में तेजी से उछाल आया है। साल 2021-22 में 341.63 मिलियन टन बागवानी उत्पादन का अनुमान लगाया गया था, जिसमें फलों का उत्पादन लगभग 107.10 मिलियन टन और सब्जी उत्पादन लगभग 204.61 मिलियन टन था। इस स्थिति में किसानों के लिए निर्यात के विकल्प भी पैदा हुए हैं। काफी किसान बागवानी फसलों का निर्यात कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण का कहना है कि धान- गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों के मुकाबले बागवानी से किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा है। खास बात यह है कि पारंपरिक कृषि के तुलना में बागवानी से खाद्य का अधिक उत्पादन हो रहा है।

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