नई दिल्ली: भारत वर्ष 2024 तक कृषि क्षेत्र में शून्य-डीजल उपयोग के लक्ष्य को हासिल कर लेगा और डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने लगेगा। ये बातें बिजली मंत्री आर के सिंह ने बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक में कहीं। इस बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव और बिजली विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल हुए थे। इस दौरान देश के ऊर्जा बदलाव लक्ष्यों को पूरा करने में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए बिजली मंत्री ने ऊर्जा संरक्षण और दक्षता के लिए अलग से एक राज्य-केंद्रित एजेंसी बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
बैठक के दौरान आर के सिंह ने कहा कि, “राज्यों को दिए गए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। केंद्र सरकार एक नया एवं आधुनिक भारत बनाने की दिशा में काम कर रही है और आधुनिक ऊर्जा प्रणालियों के बगैर इसे हासिल नहीं किया जा सकता है।” उन्होने यह भी कहा कि, “अर्थव्यवस्था के संभावित क्षेत्रों में ऊर्जा-दक्ष उपायों को बड़े पैमाने पर अपनाना होगा और इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की जरूरत होगी। इसे एक राज्य-केंद्रित एजेंसी बनाकर सुनिश्चित किया जा सकता है।”
अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में आर के सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि वाणिज्यिक भवनों को ईसीबीएस का और घरेलू भवनों को ईसीओ निवास का अनुपालन करना चाहिए व इन्हें भवन उप-नियम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत की समस्त मांग ऊर्जा भंडारण की मदद से गैर-जीवाश्म ईंधन विधियों से पूरी की जाएगी।