रेडियो पिटारा, नई दिल्ली: बीते कुछ एक महीनों से प्याज ने आम आदमी के भोजन के जायके को बिगाड़ कर रख दिया है। ऐसी उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में प्याज के भाव सामान्य हो जाएंगे और आम आदमी की रसोई में प्याज की मौजूदगी पहले की तरह हो जाएगी।
प्याज के भाव को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार ने विगत दिसंबर महीने में विदेशी प्याज का आयात भी किया था। बाज़ार में अब अफगानिस्तान के अलावा तुर्की और मिस्र से मंगाए गए प्याज देखने को मिल रहे हैं। मगर आयातित प्याज की क्वालिटी हल्की है, इसमें भारतीय प्याज जैसा स्वाद नहीं होने के साथ ही बड़े आकार की वजह से इनकी मांग सिर्फ होटलों से ही आ रही है। वैसे देखा जाए तो प्याज आयात के बावजूद भी कीमतों में कोई खास नरमी देखने को नहीं मिल रही है। थोक में 35 से 40 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाला प्याज लोकल मंडियों में अब भी 70 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है।
लेकिन, अब ऐसी संभावना बन रही है कि प्याज के भाव में यह तेजी ज़्यादा दिन तक नहीं रहेगी। क्योकि देश की बड़ी मंडियों में महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से प्याज की आवक बढ़ने लगी है। इससे थोक में भाव घटकर 15 से 40 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गया है। इस बारे में मीडिया से बात करते हुए अनियन ट्रेडर्स असोसिएशन आजादपुर मंडी के सेक्रटरी श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि, “गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से प्याज की नई फसल आने से दाम गिर रहे हैं। आपूर्ति बढ़ने के साथ-साथ लगातार प्याज के रेट भी कम हो रहा है। पर आमलोगों को अभी राहत नहीं मिल रही है। लोकल मंडियों में प्याज की कीमत में मामूली कमी देखने को मिल रही है। थोक में प्याज के रेट आधा हो गया है।”
बताते चलें कि, पिछले मंगलवार को आजादपुर मंडी में महाराष्ट्र और गुजरात से 25 ट्रक प्याज की आवक हुई। वहीं राजस्थान से करीब 80 से 100 कट्टे प्याज की आवक हुई। देश की बड़ी मंडियों में अच्छी खासी मात्रा में देशी प्याज की आवक बढ़ने से ऐसी उम्मीद बन रही है कि आने वाले 15 दिनों में प्याज की कीमतों में अच्छी-खासी कमी देखने को मिलेगी।