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जानिए, आम बजट के पिटारे में किसानों के लिए क्या-क्या है?

नई दिल्ली: इस दशक का पहला आम बजट लोक सभा में पेश किया जा चुका है। जैसा कि, आम बजट से प्रभावित होने वाला हर वर्ग इस ओर टकटकी लगाए बैठा था, देश के अन्नदाता भी उनमें से एक थे। अब चूँकि बजट प्रस्तुत किया जा चुका है तो तमाम बिन्दुओं पर विश्लेषण किया जा रहा है कि यह किस वर्ग पर कितना और कैसे असर डालेगा?

बात करें अन्नदाता किसानों की तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020-21 पेश करते हुए किसानों की बेहतरी के लिए 16 बिंदुओं की कार्य योजना की घोषणा की। इस दौरान वित्त मंत्री ने किसानों के हित में बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर केंद्र सरकार की पीठ भी थपथपाई। उन्होने कहा कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करोड़ों किसानों को फायदा पहुंचाया गया है। आने वाले समय में यानी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना सरकार की प्राथमिकता है। निर्मला सीतारमण ने किसानों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा तैयार 16 बिंदुओं की कार्य योजना की घोषणा की।
आइये जानते हैं क्या है ये कार्य योजना:

-पशुपालन और मछली पालन पर ध्यान देने की जरूरत

-अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनायेंगे

-जहां पर खेती नहीं हो सकती वहां पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा

-फर्टीलाइजर के सही और सीमित उपयोग पर जोर दिया जाएगा

-केमिकल फर्टीलाइजर के कम उपयोग पर जोर

-खराब होने वाले पदार्थों को बचाने के रेफ्रिजरेटर स्टोरेज बनाए जाएंगे

-जीरो बजट नेचूरल फार्मिंग को शामिल किया जाएगा

-ऑनलाइन आर्गेनिक प्रोडक्ट मार्केट तैयार किए जायेंगे

-खुरपका और मुंहपका, ब्रुसोलिस बीमारी पर रोक

-मॉर्डन एग्रीकल्चर लैंड एक्ट को राज्य सरकारों द्वारा लागू करवाना

-100 जिलों में पानी की व्यवस्था के लिए बड़ी योजना चलाई जाएगी, ताकि किसानों को पानी की दिक्कत ना आए

-पीएम कुसूम स्कीम के जरिए किसानों के पंप को सोलर पंप से जोड़ा जाएगा। इसमें 20 लाख किसानों को योजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 15 लाख किसानों के ग्रिड पंप को भी सोलर से जोड़ा जाएगा।

-तटीय क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सागर मित्र योजना

-देश में मौजूद वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज को नाबार्ड अपने अधीन करेगा और उसे नये तरीके से बनायेगा। देश में और वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज बनाये जाएंगे इसके लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जायेगा।

-महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना की घोषणा। इसके तहत बीज से जुड़ी योजनाओं को महिलाओं को जोड़ा जायेगा।

-जल्दी खराब होने वाली चीजें जैसे दूध, मांस और मछलियों के लिए रेल जलाई जायेगी।

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