कृषि पिटारा

बिहार: जानिए, कब तक उपलब्ध होगी राज्य में विकसित धान की पहली संकर किस्म?

पटना: बिहार के धान उत्पादक किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, अब धान के संकर बीज के लिए राज्य के किसानों को निजी कंपनियों पर नहीं निर्भर रहना पड़ेगा। निजी कंपनियाँ धान के संकर बीजों के बदले किसानों से मोटा पैसा वसूलती हैं। ऐसी उम्मीद है कि आने वाले समय में राज्य के किसानों को काफी कम मूल्य पर धान का संकर बीज उपलब्ध करवाया जाएगा। हालाँकि इसमें कुछ समय लग सकता है।

कृषि विभाग ने पहली बार राज्य में संकर बीज उत्पादन का कार्यक्रम तय किया है। इसके लिए सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा बिहार कृषि विश्वविद्यालय भी धान का संकर बीज जारी दिशा में तेजी से काम कर रहा है। बीएयू के वैज्ञानिक तीन साल से इस प्रक्रिया में लगे हैं। धान के संकर बीज उत्पादन का स्टेशन ट्रायल पूरा हो चुका है। अगले साल इसका मल्टी लोकेशन ट्रायल किया जाएगा। उसके बाद कागजी प्रक्रिया पूरी कर नई किस्म को किसानों के लिए जारी कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार में उत्पादित यह धान का पहला संकर बीज होगा। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान उत्पादन के क्षेत्र में यह एक बहुत बड़ी क्रांति होगी। इससे धान उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ेगी। साथ ही राज्य के किसान बीज के मामले में आत्मनिर्भर भी होंगे।

उम्मीद है कि निजी कंपनियों से इसकी उत्पादकता 10 प्रतिशत से भी अधिक होगी। इसके अलावा इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह बीज फेल नहीं होगा। आपको बता दें कि फिलहाल राज्य में संकर किस्म के बीज मौजूद नहीं है। इनके लिए किसानों को पूरी तरह निजी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है। चाहे बात मक्के की हो या धान की, अब तक एक भी संकर बीज बिहार का नहीं है। उधर पुरानी किस्मों की उत्पाकता गिरने के कारण किसान संकर बीज की ओर नजर टिकाये हुए हैं। हालाँकि कुछ निजी कंपनियां धान के संकर बीज लेकर ज़रूर आई हैं लेकिन कई बार उनका बीज फेल कर जाता है। ऐसे में सरकार को इसकी भरपाई करनी पड़ती है। इन्हीं परिस्थितियों में सरकार ने अपना संकर बीज निकालने का फैसला किया है।

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