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जदयू से बर्खास्तगी के बाद प्रशांत को कांग्रेस का ऑफर, राजद में दो फाड़

पटना. जदयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर को अब कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि अगर प्रशांत पार्टी में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं, पीके को लेकर राजद में दो फाड़ जैसी स्थिति है। तेजप्रताप ने जहां प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया वहीं, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पीके की तुलना गंदी नाली के कीड़े से की। पीके के मुद्दे पर राजद में मचे घमासान पर पार्टी के दूसरे नेता इस मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं। रालोसपा का कहना है कि अगर पीके हमारी नीतियों से इत्तेफाक रखते हैं तो उनके आने से हमें कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, प्रशांत किशोर अपने भविष्य के प्लान की घोषणा 11 फरवरी को करेंगे।

बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी का कहना है कि प्रशांत किशोर के एक प्रोफेशनल के तौर पर हमारे लिए काम कर चुके हैं। वे एक प्रोफेशनल तौर पर हमारी पार्टी से जुड़े भी हैं लेकिन एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में काम करना अलग बात होती है। अगर प्रशांत हमारे साथ आकर एक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के लिए काम करते हैं तो उनका स्वागत है। कांग्रेस के दरवाजे प्रशांत किशोर के लिए खुले हैं।

पीके के मुद्दे पर राजद में दो फाड़
तेज प्रताप और राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान से ऐसा लगता है कि प्रशांत किशोर के मुद्दे पर पार्टी में दो फाड़ जैसी स्थिति है। तेज प्रताप ने प्रशांत को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर देते हुए कहा कि जदयू ने उनके साथ अच्छा नहीं किया। वे हमारी पार्टी में आएंगे तो उनका स्वागत है। वहीं, जगदानंद सिंह का कहना है कि गंदे नाले से आप पानी निकालोगे तो क्या उसका इस्तेमाल पीने या खाना बनाने में करोगे? वे गंदे लोग हैं। गंदगी में पड़े लोग कहां जा रहे हैं, कहां नहीं जा रहे हैं, इससे कोई मतलब नहीं है।

पीके के जाने के बाद भाजपा-जदयू में बढ़ी नजदीकियां
जब प्रशांत किशोर पार्टी में थे तब उन्हें लेकर गठबंधन में ऊहापोह जैसी स्थिति बनी हुई थी। उनके जाने के बाद भाजपा और जदयू के बीच सबकुछ ठीक दिख रहा है। जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि प्रशांत किशोर कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे थे। सोशल मीडिया के जरिए वे पार्टी की छवि खराब करने और सौहार्दपूर्ण तरीके से चल रही गठबंधन की सरकार को उथल-पुथल करने में जुटे थे।

वहीं, भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि जदयू और भाजपा का संबंध हमेशा अच्छा रहा है। प्रशांत किशोर अपने व्यवसायिक हितों के लिए गठबंधन में दरार डालना चाहते थे। पीके के बयानों और ट्वीट से ऐसा लग रहा था कि पार्टी लाइन से परे जाकर वे अपने शीर्ष नेताओं को डिक्टेट करने की कोशिश कर रहे थे। जदयू ने पीके को बाहर कर बहुत अच्छा किया।