कृषि पिटारा

झारखंड: विगत दो दिनों में हुई बारिश से धान बुआई के लिए बढ़ी उम्मीद

राँची: इस बार कम बारिश की वजह से प्रदेश के किसान धान की बुआई करने में पीछे रह गए हैं। राज्य सरकार की तरफ से वस्तुस्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। कृषि विभाग प्रदेश में सूखे की स्थिति का आंकलन करने में लगा हुआ है। इसके लिए सभी ज़रूरी आँकड़े इकट्ठा किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि आगामी 18 अगस्त को सुखाड़ प्रभावित कुछ जिलों की घोषणा की जाएगी।

उपरोक्त परिस्थिति से प्रभावित किसानों के लिए बरसात की वापसी एक शुभ संकेत देता हुआ सा प्रतीत हो रहा है। धान रोपाई की उम्मीद छोड़ चुके किसान अब खेत में रोपाई कर रहे हैं। क्योंकि झारखंड के कई जिलों में बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कूलेशन के कारण अच्छी बारिश हुई है। 9, 10 और 11 अगस्त को राँची समेत आस-पास के जिलों में अच्छी बारिश हुई। इसके बाद किसानों ने यहां पर धान की रोपाई शुरू कर दी है।

सही समय पर बारिश नहीं होने की वजह से इस बार प्रदेश के अधिकांश किसान धान की बुआई की उम्मीद छोड़ चुके थे। इस सप्ताह के अंत में हुई जोरदार बारिश के बाद अब किसान धान की रोपाई करने में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि 15 से 20 अगस्त तक राज्य के काफी किसान धान की रोपाई का काम पूरा कर लेंगे। हालाँकि देरी से धान की रोपाई करने पर बहुत अच्छी पैदावार तो नहीं होगी लेकिन, जितनी पूंजी लगी है उसकी भारपाई हो जाएगी – ऐसी संभावना है।

बता दें कि कम बारिश की वजह से इस बार झारखंड में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस बार राज्य में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है। जबकि चार फीसदी बारिश पिछले दो दिनों में हुई है। कम बारिश के चलते किसान इस बार धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं। खरीफ फसलों की खेती प्रभावित हुई है, किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा झारखंड फसल राहत योजना चलायी जा रही है। इसके तहत सभी जिलों के प्रखडों में जाकर सूखे और फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जिलों में सूखे का आलकन किया जाएगा और केंद्र से राहत की मांग की जाएगी।

Related posts

Leave a Comment