राँची: झारखंड सरकार ने प्रदेश में सरकार गठन के एक वर्ष पूरे होने के पूर्व हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में कई घोषणाएँ की थी। जिनमें किसानों की ऋण माफी से लेकर झारखंड राज्य फसल राहत योजना तक शामिल हैं। इस दौरान कैबिनेट की बैठक में रिकॉर्ड 63 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। प्रदेश के किसानों को फसल राहत योजना के जरिये एक बहुत बड़ी राहत मिलने वाली है। इस योजना के जरिये किसानों की फसल नष्ट होने पर अब इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से क्षतिपूर्ति नहीं की जाएगी बल्कि, खुद राज्य सरकार सीधे किसानों की नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति करेगी।
फसल राहत योजना के लिए सरकार की ओर से फिलहाल 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। आपको बता दें कि सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा था कि सरकार बीमा कंपनी को अधिक प्रीमियम देती है, फिर भी किसानों को कम भुगतान हो रहा था। मसलन, वर्ष 2016 में सरकार ने बीमा कंपनियों को 153 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया था जबकि, बीमा कंपनी की ओर से फसल नष्ट होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 29 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। लगभग यही स्थिति 2017 और 2018 में भी देखने को मिली।
इसी वस्तुस्थिति में राज्य सरकार ने अब खुद ही किसानों को होने वाली क्षति की भरपाई करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से किसानों को अनावश्यक भागदौड़ से मुक्ति मिल जाएगी। बताते चलें कि प्रदेश के किसानों की ओर से बीमा कंपनियों के विरुद्ध लगातार शिकायत के मामले देखने को मिल रहे थे। कई बार तो ऐसा भी होता था कि फसल नष्ट होने पर बीमा प्राप्त करने के लिए हकदार होने के बावजूद भी किसानों को राशि नहीं मिल पाती थी। उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार के इस फैसले का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिल सकेगा।