राँची: झारखंड के किसानों की समृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के मौसम, बारिश की दशा और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए झारखंड में बागवानी की काफी संभावनाएं हैं। इसलिए सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके तहत् राज्य के किसानों को बागवानी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे प्रदेश भर में बागवानी फसलों का रकबा तो बढ़ेगा ही, साथ ही साथ यहाँ के किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
सरकार की योजना के बारे में कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि, “राज्य में बागवानी फसलों के बहुमुखी विकास के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए योजना बनाई गई है। यदि राज्य के किसान और युवा फल और सब्जी की खेती से जुड़ेंगे, अगर वे फूलों की खेती करेंगे तो यह उनके लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि, “राज्य के सभी जिलों में उद्यानिकी फसलों के बहुमुखी विकास के लिए पंचायत स्तर पर ‘बगवान मित्र’ और प्रखंड में ‘उद्यान मित्र’ पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण के दौरान इन लोगों को बागवानी फसलों की खेती के लिए तकनीकी विधियों में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान राज्य सरकार प्रशिक्षुओं को भत्ता देगी और उनके भोजन, आवागमन और ठहरने की व्यवस्था करेगी। साथ ही प्रशिक्षण पूरा करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।”
झारखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में शुरुआती तौर पर 1330 हेक्टेयर भूमि पर मिर्च की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसके अलावा 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग आठ लाख पपीते के पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत् किसानों को पौधरोपण के लिए पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी तरह सरकार टिश्यू कल्चर, स्ट्रॉबेरी की खेती, पॉली हाउस निर्माण, सब्जी की खेती और होम गार्डन के विकास आदि में भी किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना पर काम कर रही है।