राँची: झारखंड के साढ़े चार हज़ार सरकारी विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। ये विद्यालय प्रत्येक पंचायत में लीडर स्कूल के रूप में रहेंगे। इन विद्यालयों में भवन, शिक्षकों की गुणवत्ता, छात्र-शिक्षक अनुपात, अत्याधुनिक कक्षा, प्रयोगशाला व पुस्तकालय की बेहतर व्यवस्था होगी। बुधवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की इस योजना पर अपनी सहमति प्रदान कर दी।
शिक्षा मंत्री ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के साथ बैठक में भाग लिया। इस दौरान उन्होने लीडर स्कूल का प्रेजेंटेशन भी देखा। इसके बाद उन्होने कहा कि, “जो भी योजना शुरू की जाए, अगले एक-दो साल में होने वाले उसके प्रभाव और फायदे का भी आकलन कर लें। सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों से भी बेहतर बनाना है। सरकारी विद्यालयों में ऐसी व्यवस्था दी जाए कि अभिभावकों के मन में विश्वास उत्पन्न हो कि सरकारी विद्यालय निजी विद्यालयों से कम नहीं हैं। सभी पंचायतों में फिलहाल एक-एक विद्यालय को लीडर स्कूल बनाया जा रहा है। इस स्कूल को देखकर अगल-बगल वाले विद्यालय भी कुछ सीख सकेंगे।”
आपको बता दें कि झारखंड की हरेक पंचायत में स्थित लीडर स्कूल में पहली से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई होगी। इसमें छात्र-छात्राओं की निर्धारित संख्या होगी और उसी अनुपात में शिक्षक भी रहेंगे। ऐसे में जिन विद्यालयों में शिक्षक की कमी होगी वहाँ विशेषज्ञ शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इस बात की भी संभावना है कि इन विद्यालयों में नामांकन प्रवेश परीक्षा के बाद ही हो सकेगा। यही नहीं, विद्यार्थियों की प्रगति पर नज़र रखने के लिए हर महीने टेस्ट लिया जाएगा। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ संबंधित विषय के शिक्षक को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, हर साल चयनित लीडर स्कूलों की आधारभूत संरचना का आकलन किया जाएगा। इसके बाद ज़रूरत के हिसाब से विद्यालय, जिला या फिर मुख्यालय स्तर पर उनकी मरम्मत कराई जाएगी।