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झारखंड सरकार ने संविदा कर्मियों के हित में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन को दी मंजूरी

राँची: झारखंड सरकार अनुबंध या संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के हित में एक विशेष योजना पर काम कर रही है। इस योजना के अनुसार इन कर्मियों की सेवा में एकरूपता लाई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। यह समिति सरकार के विभिन्न विभागों व कार्यालयों में अनुबंध या संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों और उनके कार्यों से संबंधित सेवा शर्तों, अवधि व मानदेय की राशि में समानता लाने आदि विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

राज्य सरकार द्वारा इस उच्च स्तरीय समिति के गठन की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाएगा। आपको बता दें कि विकास आयुक्त इस समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव इसके सदस्य सचिव बनाए गए हैं l

इसके अलावा योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी इसके सदस्य होंगे l यह समिति अनुबंध या संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार तथा नियमितीकरण के संबंध में उठाई जा रही मांग की भी समीक्षा करेगी। इसके बाद जल्द से जल्द सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने का प्रयास करेगी।

इस उच्च स्तरीय समिति कई प्रमुख बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट देगी। मसलन – विभिन्न विभागों, कार्यालयों में अनुबंध या संविदा पर कार्यरत कर्मियों की संख्या कितनी है? अनुबंध या संविदा पर की गई नियुक्तियों में क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? यह समिति अनुबंध या संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा शर्तों सेवा, अवधि और मानदेय की भी जानकारी देगी। इसके अलावा अनुबंध या संविदा कर्मियों की वर्तमान सेवा शर्तों के सुधार के संबंध में भी यह उच्च स्तरीय समिति सरकार को परामर्श देगी।

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