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झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भेजी आर्थिक सहायता

राँची: झारखंड सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फँसे राज्य के मजदूरों को आर्थिक सहायता देने का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत पहले चरण में 1 लाख 11 हजार 568 लोगों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा आर्थिक सहायता पहुंचाई गई है। मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुआत प्रोजेक्ट भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की।

प्रवासी मजदूरों को सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने ‘झारखंड कोरोना सहायता’ ऐप की शुरुआत की है। ऐप लॉन्च होते ही राज्य के बाहर फँसे लोगों ने बड़ी संख्या में इसे उपयोग करना शुरू कर दिया है। इस बारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, “बीते शुक्रवार को लांच किए गए झारखंड कोरोना सहायता एप पर अब तक ढाई लाख लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से दो लाख से अधिक लोगों के बैंक खातों का सत्यापन कर लिया गया है। सरकार अन्य राज्यों में फँसे झारखंड के अधिक से अधिक लोगों को आर्थिक सहायता पहुंचाने में जुटी है। इंटरनेट बैंकिंग में खातों का सत्यापन जरूरी है। इसलिए पंजीकरण के बाद राशि भेजने में फिलहाल दो से तीन दिन का समय लग रहा है।”

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, “सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों व जररूतमंदों की मदद कर रही है। बिना राशन कार्ड वाले लोगों को राशन देने के निर्णय के बाद राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। सरकार ने इसे गंभीरता से संज्ञान में लिया है। अब राशन मांगने वालों को राशन कार्ड के लिए आवेदन कराने के बाद सरकारी डीलर के माध्यम से ही राशन दिया जाएगा। लोगों को पीडीएस दुकानों पर जा कर राशन लेना होगा। राशन कार्ड के आवेदन के लिए पोर्टल खुला है। लोग आवेदन करके राशन ले सकते हैं। यही नहीं झारखंड सरकार दीदी किचन, थानों में सामुदायिक किचन के अतिरिक्त विभिन्न माध्यमों से भी राशन उपलब्ध करा रही है।”

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