नई दिल्ली: अपने पिछले कार्यकाल में केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प जताया था। इसके लिए सरकार ने एक कार्ययोजना भी प्रस्तुत की थी। अगर देखा जाए तो हाल के वर्षों में किसानों के मध्य जागरूकता में पहले की अपेक्षा वृद्धि हुई है। आज अनेक किसान रसायनिक खेती के दुष्प्रभावों से वाकिफ़ हो रहे हैं और जैविक खेती को अपना रहे हैं। पहले के मुक़ाबले आज किसान अधिक संख्या में सरकार की योजनाओं जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं। जैसे – सरकार किसानों से संवाद स्थापित करने में तो सफल हो ही रही है, सूचना क्रांति की वजह से किसान अपने नफे-नुकसान के प्रति भी संजीदा हो रहे हैं।
इधर केंद्र सरकार ने किसानों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कई फैसले लिए हैं। हाल ही में प्रस्तुत आम बजट में किसानों के लिए सोलह सूत्री कार्यक्रम का ऐलान – किसानों को एक अच्छी उम्मीद देने जैसा है। जबकि एक बिलकुल ताजातरीन फैसले के तहत केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड को ले कर कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इसके तहत पहले बिना गारंटी के 1 लाख रुपए तक का ऋण मिलता था उसे बढ़ाकर अब 1.60 लाख रुपए कर दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान अब अपनी फसल का बीमा भी करवा सकते हैं। अगर किसी कारणवश किसानों की फसल नष्ट होती है तो इसके एवज में अब उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा।
इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाने में लगने वाली प्रोसेसिंग फीस, इंस्पेक्शन फीस और लेजर फोलियो आदि शुल्कों को खत्म कर दिया गया है। अब कोई बैंक यदि किसी किसान से इन शुल्कों को वसूलता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसान को 3 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है। वैसे तो इस रकम पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज लागू है। लेकिन सरकार इस पर 2 प्रतिशत का अनुदान देती है। इस प्रकार ऋणी किसान के लिए प्रभावी रूप से यह ब्याज दर 7 प्रतिशत ही है। इसके अलावा किसान अगर समय पर ऋण लौटा देता है तो उसे 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाती है। ऐसे में, जागरूक किसानों के लिए यह ब्याज दर मात्र 4 प्रतिशत ही रह जाती है।
बता दें कि, इस समय देश में कुल 7,02,93,075 किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है। सरकार ने अधिक से अधिक किसानों को केसीसी के दायरे में लाने के लिए बैंकों से सहयोग से केसीसी बनाने का एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत आवेदन प्रक्रिया को और भी आसान व सुविधाजनक बनाया गया है। यही नहीं, यदि कोई किसान केसीसी के लिए फॉर्म भरता है तो आवेदन प्राप्त होने की तारीख से 14 दिनों के भीतर उसे केसीसी जारी कर दिया जाएगा।