नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगातार कई प्रयास किए जा रहे हैं। बात चाहे रबी फसल की कटाई की हो या कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों की, इन सभी कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने किसानों को लॉकडाउन से छूट दे रखी है। किसानों की समस्याओं पर विचार करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी व परषोतम रुपाला ने संबन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक किसानों के हित में कुछ और फैसले लिए गए।
बैठक के बाद कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मीडिया को बताया कि, “रबी की फसल के लिए सरकारी एजेंसियों की ओर से अनाज की खरीदारी को प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ा कर 40 क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा किसानों के उत्पाद की खरीद की रिपोर्ट मिलने के तीन कार्यदिवस के अंदर उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा।” उन्होने यह भी कहा कि, “किसानों के लिए सरकारी खरीद इस समय ज्यादा अहम हो गई है। क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के कारण वो अपनी उपज प्राइवेट ट्रेडर्स को नहीं बेच पा रहे हैं। इन दिनों फूड प्रोसेसिंग कंपनियाँ किसानों से बड़ी मात्रा में खरीदारी करती हैं, लेकिन अभी वो भी ऐसा नहीं कर पा रही हैं।”
आपको बता दें कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन के दौरान कृषि कार्य सुचारु रूप से होते रहें व किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसलिए केंद्र सरकार ने किसानों को कई तरह की छूट दे रखी है। खेती से जुड़े कार्यों, मशीनरी, उर्वरक, खाद-बीज की दुकानों, मंडियों व एजेंसियों को लॉकडाउन के दायरे से बाहर रखा गया है। यानी अब किसान कोरोना से बचने के उपायों को अपनाते हुए कृषि कार्यों को निपटाने के लिए अपने खेतों में जा सकते हैं। इस दौरान वे मशीनों का उपयोग कर सकते हैं। नजदीकी बाज़ार से बीज, डीएपी व यूरिया आदि की खरीदारी भी कर सकते हैं। यही नहीं, किसान अपनी फसल को मंडी में ले जा सकते हैं। यहाँ तक कि, दूसरे राज्यों से फसल कटाई में काम आने वाली मशीनों को भी मंगा सकते हैं। मगर यह सब करते हुए उन्हें कोरोना के संक्रमण को रोकने वाले तमाम उपाय भी अपनाने होंगे।