नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए प्रयासों में तेजी ला दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में हालात की समीक्षा की गई। इस बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस बीच जरूरी चीजों की दुकानें खुली रहेंगी। देश के 80 करोड़ लोगो को 2 रुपये किलो गेहूँ और 3 रुपये किलो चावल दिया जाएगा। अनाज का यह वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये किया जाएगा। खाद्यान की कमी न हो इसके लिए फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) राज्यों को 3 महीने का अग्रिम राशन उपलब्ध कराएगा।
उन्होने लोगों से आग्रह किया कि, “जरूरी समान लेने के लिए लोग दुकानों पर लाइन न लगाएँ।” उन्होने यह भी कहा कि, “कोरोना के खतरे से निपटने के लिए यह बेहद ही जरूरी है कि हम किसी अफवाह पर विश्वास न करें। लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी मिल सके इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी देनी शुरू कर दी है। यदि आपको कोरोना के बारे में कोई सवाल पूछना है तो भी आप इस वेबसाइट के जरिए अपने सवाल का जवाब पा सकते हैं। यहाँ हर घंटे की जानकारी अपडेट की जा रही है। सभी राज्यों से भी कहा गया है कि वो अपनी हेल्पलाइन जारी करें। बहुत से राज्यों ने हेल्पलाइन जारी भी कर दी है।”
जावड़ेकर ने मजदूर वर्ग और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के प्रति सरकार के रूख को भी स्पष्ट किया। उन्होने कहा कि, “इस संकट की घड़ी में सरकार ने मजदूर वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए राहत देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों के बैंक खाते में राशि भेजने के लिए आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने कहा है कि लेबर वेलफेयर बोर्ड के सेस फंड में करीब 52 हजार करोड़ रुपए जमा हैं। दरअसल, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत सरकार सेस यानी उपकर वसूलती है। वसूली गई यह धनराशि सेस फंड में जमा होती है। इस धनराशि से भवन निर्माण कार्य में लगे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए राहत योजनाएँ चलाई जातीं हैं।” उन्होने यह भी कहा कि, “ठेके पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को वेतन मिल सके इसके लिए भी व्यवस्था की गई है। सभी को न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।”