कृषि पिटारा

सामान्य मानसून के बावजूद भी इस बार पिछड़ रही है खरीफ फसलों की बुआई

नई दिल्ली: मौसम विभाग द्वारा इस बार देश भर में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की गई है। यही नहीं इस बार मॉनसून का प्रवेश समयसे थोड़ा पहले भी हुआ है। इसके बावजूद इस सीजन में खरीफ फसलों की बुवाई की शुरुआत अच्छी नहीं हुई है। जो आंकड़े कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए हैं उनके अनुसार इस सीजन के पहले पखवाड़े में अब तक पिछले साल के मुक़ाबले लगभग 22 प्रतिशत कम बुआई हो सकी है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो यह देरी मानसून की अनियमितता की वजह से हुई है।

कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि मॉनसून के कारण तिलहन फसलों की बुवाई सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। दलहनी फसलों में विशेष रूप से अरहर और मूंग की बुआई में 40 से 45 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इस साल 10 जून को समाप्त हुए दूसरे सप्ताह तक देश में 6.65 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल की बुआई की जा चुकी है, जबकि 2021 में इन दो हफ्तों के दौरान 8.52 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुआई की गई थी। यानी इस साल अब तक 1.87 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुआई हुई है।

ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि इस साल खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की बुआई भी पिछड़ सकती है। पिछले साल जून के दूसरे सप्ताह तक करीब 0.65 मिलियन हेक्टेयर धान की बुआई हुई थी। जबकि इस साल सिर्फ 0.64 लाख हेक्टेयर ही बुआई हुई है। इसी तरह दलहन की फसल पिछले साल 0.27 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी, जो इस साल 0.20 लाख हेक्टेयर है। पिछले साल 0.45 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुआई की गई थी। इस साल इनकी बुआई 0.31 मिलियन हेक्टेयर में की गई है। अगर मक्का की बात करें तो पिछले साल 10 जून तक इसकी बुआई 0.34 मिलियन हेक्टेयर तक की गई थी, लेकिन इस बार 0.25 मिलियन हेक्टेयर में इसकी बुआई की गयी है। पिछले साल तिलहन की बुआई 0.19 लाख हेक्टेयर में की गयी थी, जबकि इस साल मात्र 0.13 मिलियन हेक्टेयर में तिलहनी फसलों की बुआई की गयी है।

पिछले साल जून के दूसरे सप्ताह तक 4.63 लाख हेक्टेयर में गन्ना की खेती की गयी थी जबकि इस साल अब तक 4.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी बुआई की गयी है। यानी इस साल गन्ने की बुआई में थोड़ा इजाफा हुआ है। अगर राज्यवार आंकड़ो की बात करें तो उत्तर प्रदेश में पिछले साल जून के दूसरे सप्ताह तक 2.35 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी, लेकिन इस साल अब तक 2.27 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। इसी तरह महाराष्ट्र में, 1.04 लाख हेक्टेयर के बजाय केवल एक मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुआई की गयी है। जबकि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में 0.82 लाख हेक्टेयर के मुक़ाबले 0.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया गया है। वहीं, पश्चिम बंगाल में पिछले साल 0.52 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी, लेकिन इस बार 0.51 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी इस बार गन्ने की बुआई बहुत कम हुई है। पिछले साल 10 जून तक पंजाब में करीब 0.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया गया था, लेकिन इस बार 0.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही गन्ने की बुआई हुई है। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जिहां पिछले साल की तुलना में जून के दूसरे सप्ताह तक गन्ने की अधिक बुआई की गई है। यहां 0.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 0.25 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई की गई है।

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