कृषि पिटारा

किसानों को इन शर्तों के साथ दिया जाएगा बीज बैंक का लाइसेंस, जानिए पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली: अभी कुछ महीनों पहले केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण विभाग ने बीज बैंक योजना को बड़े पैमाने पर शुरू करने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार की यह योजना किसानों के लिए निश्चित रूप से बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाली है। इसके तहत देशभर में जिलेवार बीज बैंक बनाए जाएंगे। इसके लिए किसानों को ही बीज बैंक का लाइसेंस दिया जाएगा। इससे किसान बीज के उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इस योजना के जरिये देश के साढ़े छह सौ जिलों में बीज बैंक खोले जाएंगे।

देश में इस समय लगभग तीस प्रतिशत बीज किसान स्वयं उगाते हैं। बाकी बीजों के लिए उन्हें बाजार और सरकारी सस्ते बीजों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस वजह से किसानों को कई बार बीज की गुणवत्ता की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में किसानों को बीज उत्पादन की दिशा में सक्रिय करने के लिए कृषि मंत्रालय ने पहले के लाइसेंस नियमों में अब काफी ढील दी है। ऐसे में अब बीज बैंक का लाइसेंस लेने के लिए किसान का सिर्फ दसवीं पास होना ही काफी होगा।

जो किसान बीज बैंक का लाइसेन्स लेना चाहते हैं उन्हें स्थानीय कृषि प्रसार केंद्र पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। लाइसेंस के लिए दो एक शर्तें और हैं: पहली शर्त, किसान के पास अपनी या बटाई या फिर पट्टेदारी में कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। और दूसरी शर्त ये है कि, किसान को राज्य स्तर से बीज के मानकों के लिए निबंधन और प्रमाणन करना होगा।

बीज बैंक का लाइसेन्स लेने वाले किसानों को सरकार द्वारा एकमुश्त रकम प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। इसके अलावा भंडारण की सुविधा के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ उपलब्ध संसाधनों पर सब्सिडी भी दी जाएगी। एक और खास बात, बीज बैंक का लाइसेंस लेने वाले किसानों को उसके बीज का बाजार दिलाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। जिला स्तर पर बीज बैंक खुलने से किसानों को अच्छे और सस्ते बीज मिलने की राह तो आसान होगी ही साथ ही किसान भी उच्च गुणवत्ता की फसल उपजाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। क्योंकि उन्हें इस प्रक्रिया के चलते महंगे बीज खरीदने से निजात मिलेगी व उत्पादक की विश्वसनीयता का भी लाभ मिल सकेगा।

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