नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से उपजे हालातों की वजह से देश का लगभग हर वर्ग प्रभावित है। किसान भी उनमें से एक हैं। इस दौरान कृषि कार्यों सहित उनकी आमदनी भी प्रभावित हुई है। केंद्र सरकार ने किसानों की चुनौतियों को देखते हुए उन्हें फसल ऋण के ब्याज पर छूट देने का फैसला किया है। फसल ऋण पर यह छूट उन्हें दो प्रतिशत के रूप में मिलेगी। और यदि कोई किसान तुरंत भुगतान करता है तो उसे ब्याज पर तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी। किसान इस छूट का फायदा 31 अगस्त 2020 तक उठा सकते हैं।
इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी कर बैंकों से कहा है कि वे किसानों को अल्पावधि के फसल ऋण पर इन दोनो योजनाओं का लाभ दें। रिजर्व बैंक ने अधिसूचना में कहा है कि, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि मोरेटोरियम की बढ़ी अवधि के दौरान किसानों को अधिक ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़े। सरकार ने 31 अगस्त 2020 तक किसानों को ब्याज में दो प्रतिशत की छूट और त्वरित भुगतान पर तीन प्रतिशत की छूट को प्रोत्साहन देते रहने का निर्णय लिया है।” इससे पहले 23 मई 2020 को भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज देने वाली सभी संस्थाओं को कर्ज की किस्तों के भुगतान में छूट को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी। इस फैसले से कृषि, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए 3 लाख रुपये तक का फसल ऋण लेने वाले किसानों को लाभ होगा।
गौरतलब है कि, किसानों को 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए सरकार बैंकों को प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की ब्याज छूट देती है। इसके अतिरिक्त उन किसानों को ब्याज पर 3 प्रतिशत की छूट दी जाती है, जो अपने कर्ज का भुगतान जल्द करते हैं। ऐसे किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत रह जाती है। यही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के जरिये किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है। ऐसे में वे किसान जिन्होंने अलग-अलग माध्यमों से ऋण लिया था, उन्हें फसल ऋण के ब्याज पर छूट के सरकार के फैसले से काफी राहत मिलेगी।