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किसी भी फसल की खेती से पहले मौसम की अनुकूलता की जानकारी है ज़रूरी

नई दिल्ली: मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कृषि के कई फायदे हैं। कृषि उत्पादन की सफलता काफी हद तक मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करती है। मौसम की अनिश्चितता फसलों के पैदावार पर असर डालती है। ऐसा कई बार होता है कि अचानक आई बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो जाती हैं। या फिर कई बार मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण पैदावार अच्छी नहीं होती है।

अगर आप मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कृषि करेंगे तो आपको इन समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। बल्कि आपको इससे कई प्रकार से फायदे भी होंगे। मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कृषि करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे अच्छी पैदावार प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर अगर आपको बीज की बुआई करनी है और आपको आने वाले मौसम की सही-सही जानकारी है जैसे उचित तापमान, वर्षा, अद्रता व मृदा में नमी इत्यादि तो इनको ध्यान में रख कर बुआई करने से बीजों का सही समय पर अंकुरण तथा अच्छे से विकास होगा। इससे आपको अच्छी उपज प्राप्त होगी।

यदि आपको पहले से ही पता हो कि आने वाले समय में किस फसल के लिए मौसम अनुकूल नहीं रहेगा तो उस उस फसल की बुआई न कर भावी नुकसान से बचा जा सकता है। यही नहीं यदि आपको निकट भविष्य में होने वाली बारिश के सूचना है तो आप सिंचाई, कीटनाशकों एवं खरपतवारनाशी के प्रयोग को रोक सकते हैं। अगर आपने जानकारी के अभाव में कीटनाशकों या खरपतवारनाशी का प्रयोग कर दिया तो बारिश होने पर ये यहाँ-वहाँ बह जाएंगे और फसलों पर इनका कोई असर नहीं होगा। वही अगर मौसम के पूर्वानुमान से परिचित हैं तो आप इनका प्रयोग नहीं करेंगे। इससे खेती पर आने वाली लागत में कमी आएगी और आपका मुनाफा बढ़ेगा। मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कृषि करने से फसलों की सही किस्मों का चुनाव करने में सहायता मिलती है। इससे जुताई, बुआई, सिंचाई, उर्वरक के प्रयोग, कटाई का समय निर्धारित करने और कीट प्रबंधन में भी सहायता मिलती है।

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