नई दिल्ली: कोरोना वायरस या COVID-19 के संक्रमण से इस समय न केवल देश बल्कि समूचा विश्व प्रभावित है। जाहिर तौर पर किसान भी उनमें से एक हैं। पूरे देश में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लागू है। इस लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सारे कामकाज बंद हैं।
ऐसे में, कृषि कार्यों को लेकर किसानों के सामने एक अस्पष्टता की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि फिलहाल खेतों में रबी की फसल तैयार हो चुकी हैं और कटने की राह देख रही हैं। इस परिस्थिति में किसानों की शंका स्वाभाविक है कि आखिर कैसे वो खेती से जुड़े कार्यों को कर पाएंगे? क्या साल भर की मेहनत और जमापूँजी उनकी आँखों के सामने ही बर्बाद हो जाएगी? तो इसका जवाब है। जी नहीं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने कृषि कार्यों को लेकर बनी संदेह की स्थिति को खत्म कर दिया है। सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव करते हुए अति सावधानीपूर्वक फसल की समय पर कटाई के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार लॉकडाउन के दौरान भी किसान कृषि से जुड़े काम कर सकेंगे। केंद्रीय गृह सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश के अनुसार लॉकडाउन के दौरान किसान खुद और मजदूरों के साथ खेत में काम कर सकेंगे।
इस आदेश से कृषि उपकरणों को किराए पर देने वाले कस्टम हायरिंग सेंटर्स को भी राहत मिली है। अब वो भी अपना काम सुचारू रूप से कर सकेंगे। लॉकडाउन के दौरान कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री करने वाली सभी एजेंसियाँ खुल सकती हैं। अनाज की खरीद-बिक्री करने वाली मंडियाँ एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित तमाम इकाइयाँ भी खुली रहेंगी। जरूरी सामानों की निर्बाध सप्लाई होती रहे इसके लिए वेयरहाउस और गोदाम भी खुले रहेंगे। इन जरूरी चीजों की ढुलाई करने वाले वाहन, ड्राइवर, लोडर्स और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट इसके दायरे में रखा गया है।
इस दौरान उर्वरक, कीटनाशक, बीजों की दुकानें तथा निर्माण एवं पैकेजिंग इकाइयाँ भी खुली रहेंगी। बीजों का उत्पादन, वितरण और उनकी बिक्री भी होती रहेगी। किसान तैयार फसल को मंडी तक ले जा सकेंगे और सरकारी एजेंसियां उसकी खरीद करेंगी। किसानों के लिए एक बड़ी राहत की बात ये भी है कि खेती में प्रयोग होने वाली कटाई एवं बुवाई से संबंधित मशीनें जैसे कि कंबाइंड हार्वेस्टर व अन्य कृषि कार्यों एवं बागवानी में उपयोग होने वाली मशीनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही की छूट दी गई है। इससे गेहूँ की कटाई अब समय पर हो सकेगी।
इन दिशा-निर्देशों के साथ-साथ सरकार ने किसानों से ज़रूरी सावधानियाँ बरतने की भी अपील की है। सरकार ने कहा है कि छूट के दायरे में आने वाले कृषि कार्यों को करते समय सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। आपको बता दें कि 21 दिनों का यह लॉकडाउन है 14 अप्रैल को खत्म होगा। इस दौरान पूरे देश में लोगों को घरों से बाहर निकलने समेत अन्य क्रियाकलापों पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए हैं। लोगों से लगातार घरों में रहने की अपील की जा रही है। इस दौरान जरूरी वस्तुओं की सुचारु रूप से आपूर्ति की जा सके इसके लिए सरकार द्वारा सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।