कृषि पिटारा

महाराष्ट्र के लातूर जिले में लंपी वायरस का कहर सबसे अधिक, पशुपालक चिंतित

लातूर: पशुपालकों के लिए लंपी वायरस एक बार फिर से चिंता का विषय बना गया है। महाराष्ट्र के लातूर जिले में लंपी वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। इस जिले में 1236 मवेशी लंपी वायरस की चपेट में आ गए हैं, जिनमें से 100 से अधिक पशुओं की मौत हो गई है। इस बीच चिकित्सा विभाग ने बीमार पशुओं का इलाज शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लंपी वायरस ने लातूर जिले के शिरूर अनंतपाल तहसील में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। इस तहसील के कई गांवों में लंपी वायरस का असर देखने को मिल रहा है। बीते सितंबर महीने से अभी तक यहाँ 702 मवेशी लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 64 मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि 537 इलाज के बाद ठीक हो गए हैं। जबकि, शिरूर अनंतपाल चिकित्सालय में 101 संक्रमित मवेशियों का अभी भी इलाज चल रहा है। वहीं, बात अगर पूरे जिले की करें तो बीते मार्च महीने से अब तक 1236 नए मवेशियों संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 145 बीमार पशुओं की मौत हो गई है। बाकी 1091 मवेशी इलाज के बाद ठीक हो गए हैं।

बता दें कि, साल 2022 में अक्टूबर महीने तक महाराष्ट्र में 178072 से भी अधिक मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से 11,547 मवेशियों की मौत हो गई थी। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने विधान परिषद में खुद एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी। तब महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा था कि राज्य के कुल 36 जिलों में से 33 जिलों की 291 तहसीलों में लंपी वायरस पहुंच चुका है। इस बीमारी से बचाव के लिए लगभग 1.39 करोड़ मवेशियों को टीका लगाया गया है।

गौरतलब है कि, पिछले साल भी महाराष्ट्र में लंपी वायरस ने मवेशियों के साथ-साथ पशुपालकों को भी बहुत अधिक परेशान किया था। लंपी वायरस की वजह से 10 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई थी। हालांकि, सरकार ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण का अभियान चलाया था। इसके बाद संक्रमण पर रोक लग गई थी, लेकिन अब एक बार फिर लंपी वायरस की वापसी ने पशुपालकों को चिंता में डाल दिया है।

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