नई दिल्ली: हाल के वर्षों में मछली पालन का व्यवसाय किसानों की आमदनी बढ़ाने के एक प्रमुख जरिये के रूप में उभरकर सामने आया है। आज किसान खेती के साथ-साथ मछली पालन का काम शुरू कर अपनी कमाई को बढ़ा रहे हैं। मछली पालन का काम शुरू करने में जमीन की अनुपलब्धता किसी भी तरह से चुनौती नहीं है, क्योंकि इसे अपने खुद के तालाब या किराए पर तालाब लेकर किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात ये है कि इन दोनों ही स्थितियों में सरकार मछली पलकों को वित्तीय सहायता मुहैया करवा रही है। अभी राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत ऋण दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार मछली पालने के लिए कुल लागत का 75 प्रतिशत तक ऋण मुहैया कराती है।
मछली पालन का काम ठहरे हुए पानी और बहते हुए पानी, दोनों तरह से किया जा सकता है। बहते हुए पानी में मछली पालन को ‘रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम’ (आरएएस) कहा जाता है। आपको बता दें कि तालाब में मछली के बीज डालने के 25 दिनों के बाद फसल तैयार हो जाती है। मछली के बीज किसी हैचरी से भी खरीदे जा सकते हैं। जो व्यक्ति मछली पालन के व्यवसाय में उतरना चाहते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इसे शुरू नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं है – क्योंकि आमतौर पर हर जिले में एक मछली पालन विभाग होता है, जो मछली पालकों को हर तरह की मदद मुहैया करता है। यहाँ नया काम शुरू करने वाले लोगों को मछली पालन की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार एक योजना चला रही है, जिसके तहत आपको सरकार से लगभग 75 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकती है। उदाहरण के तौर पर मछली पालन के व्यवसाय में अगर आपके 20 लाख रुपए खर्च होते हैं तो इसमें से आपको मात्र 5 लाख रुपए का ही इंतजाम करना होगा। बाकी 7 लाख 50 हजार रुपए केंद्र सरकार और 3 लाख 75 हजार रुपए राज्य सरकार द्वारा आपको सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार की ओर से आपको 3 लाख 75 हजार रुपए का बैंक लोन भी दिलाया जाएगा।
यदि आप मछली पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप सबसे पहले बाज़ार की स्थिति को समझें। इसके बाद होगा कि आप अपने जिले के मछली पालन विभाग से कुछ दिनों की ट्रेनिंग भी ले लें। साथ ही साथ इस व्यवसाय के विभिन्न मदों में होने वाले खर्चों और मुनाफे के बारे में एक अनुमान ज़रूर लगा लें। इसके बाद मछली पालन के व्यवसाय की शुरुआत करें।