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महाराष्ट्र: लंपी वायरस के प्रकोप में एक बार फिर से बढ़ोतरी

मुंबई: महाराष्ट्र में लंपी वायरस के प्रकोप में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र पशुपालन विभाग ने सोमवार को जानकारी दी कि इस वायरस के कारण अब तक 43 मवेशियों की मौत हो चुकी है। इस मामले को देखते हुए, महाराष्ट्र के नांदुरबार जिले के प्रशासन ने जानवरों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है। जिले के एक अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए, मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाने की सख्त हिदायत देनी चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

जिले में आने वाले मवेशियों के साथ नांदुरबार जिले की सीमा पर चौकसी की जाएगी, इसके अलावा पशुपालन विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को तेजी से मवेशियों के टीकाकरण की दिशा में कदम उठाने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र के 21 जिलों में लंपी वायरस का संक्रमण फैल चुका है और सरकार इसके खतरे को देखते हुए चिंतित है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी मवेशियों में लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से विभाग ने सख्त उपायों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से सतर्क रहने और लंपी वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए निर्देश दिया है। लंपी स्किन बीमारी एक वायरल रोग है और यह अधिकतर संकर नस्ल के गौवंश को प्रभावित करती है। यह वायरस पॉक्स परिवार का है और इसका पहला प्रकोप 1929 में जाम्बिया में हुआ था। उसके बाद यह दक्षिण अफ्रीका में फैल गया और वर्ष 2012 के बाद से इसका फैलाव तेजी से बढ़ गया है।

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