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बरसात में मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कृषि के कई फायदे

नई दिल्ली: बरसात के समय मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर खेती करना विशेष रूप से आवश्यक है। इस दौरान किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों पर किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। क्योंकि इस दौरान फसल पर डाली गई दवा बारिश में धुल जाएगी और किसानों का आर्थिक नुकसान होगा।

इस मौसम में धान की फसल में जीवाणु पत्ती झुलसा रोग आने की संभावना होती है। यदि धान की खड़ी फसल में पत्तियों का रंग पीला पड़ रहा हो तो इसकी रोकथाम के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 15 ग्राम तथा कांपर हाइड्रोक्साइड की 400 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर 10-12 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें। लेकिन इससे पहले बारिश होने की संभावना के बारे में जान लें।

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