नालंदा जिले के चंडीपुर प्रखंड स्थित अनंतपुर गांव की अनीता कुमारी अपने जिले का एक चर्चित नाम हैं। उन्होंने अपनी सफलता से अपने परिवार की दशा तो बदल ही दी है, साथ ही अनेक महिलाओं के लिए तरक्की का एक नया मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है। उनकी कहानी एक महिला के आत्मविश्वास, उसके जज्बे और काम के प्रति समर्पण की कहानी है। आज वह मशरूम उत्पादन में तो ऊंचाइयां छू ही रही हैं, मशरूम के बीज का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रही हैं।
मशरूम उत्पादन की पूरी ट्रेनिंग के लिए वह उत्तराखंड स्थित पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय गईं और वहां वैज्ञानिकों से मशरूम उत्पादन की हर तकनीक की जानकारी ली। उन्होंने समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि यूनिवर्सिटी से भी मशरूम के बारे में ट्रेनिंग ली।
खेती के कचरे के तैयार होता है मशरूम
ट्रेनिंग लेकर उन्होंने आयस्टर और बटन मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया। अनीता ने बताया कि मशरूम उत्पादन उन्हें इसलिए अच्छा लगा क्योंकि इसके लिए अगल से तामझाम की जरूरत नहीं होती। खेती से निकलने वाले कचरे से ही मशरूम पैदा किया जा सकता है।